प्यार की ख़ातिर लोगों ने क्या कुछ नहीं किया. एक मिसाल ढूंढो, हज़ार मिल जाएंगी. किसी ने पहाड़ तोड़ कर रास्ता बना दिया, तो किसी ने अपनी जान तक भी दी. कई फ़िल्में भी बन चुकी हैं, प्यार की सच्ची कहानियों पर. ऐसी ही फ़िल्म बनाने लायक प्यार हुआ है, कोलकाता के बिस्वजीत पोद्दार को. उन्होंने बाकायदा एक 7 मिनट की फ़िल्म बना भी डाली.
29 साल के बिस्वजीत को तब पहली नज़र का प्यार हो गया, जब वो ऑफ़िस से घर जा रहे थे. रोज़ की तरह उसने Konnagar से ट्रेन पकड़ी थी, उनके सामने वाली बर्थ पर एक लड़की अपने माता-पिता के साथ सफ़र कर रही थी. बिस्वजीत को उससे प्यार तो हुआ, लेकिन बात करने की हिम्मत नहीं हुई. और जब तक वो हिम्मत जुटा सका, तब तक देर हो चुकी थी. तो उसने जुटाई हुए हिम्मत से 4000 हज़ार पोस्ट छपवा दिए और 6 किलोमीटर के दायरे में चिपका दिया. साथ ही साथ एक फ़िल्म भी बनाई जो, कि YouTube पर उपलब्ध भी है.
Behala के Joka इलाके में रहने वाला बिस्वजीत राज्य के पर्यावरण विभाग में क्लर्क है. जब वो पोस्टर छपवाने की बात कर रहा था, तब उसके घरवाले और दोस्त पागल कह रहे थे.
आज भी ऑफ़िस से लौटते वक़्त बिस्वजीत उस स्टेशन पर उस लड़की का इंतज़ार करता है, जहां उसे पहली बार उसे देखा था. हर रोज़ बिस्वजीत वही टी-शर्ट पहनता है, जो उसने तब पहनी थी.
अपनी हरकतों का बचाव करते हुए वो कहता है, ‘उसे बदनाम और परेशान करने का मेरा कोई इरादा नहीं है. ऐसा मैं इसलिए कर रहा हूं ताकि वो मुझसे संपर्क कर सके, अगर वो चाहे तो.’
प्यार का पागलपन ऐसा ही होता है!