इतना ही नहीं, उन्होंने लड़कियों को सलाह दी है कि अगर वह बलात्कार और हत्या से बचना चाहती हैं, तो उन्हें छोटे कपड़े पहनने से बचना चाहिए.

“लड़कियों को शॉर्ट ड्रेस में देखकर पुरुष उत्साहित हो जाते हैं. ऐसे में लड़कियों को शालीनता वाले कपड़े पहनने चाहिए जिससे वह पुरुषों की बुरी नज़र से बच सकें.” ऐसा मैं नहीं, कोलकाता में टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम सैयद मोहम्मद नुरूर आर बरकाती कहते हैं.

इमाम साहब को लड़कियों के कपड़ों से दिक्कत है. वे कहते हैं कि लड़कियां इन दिनों बहुत छोटे कपड़े और बहुत ही खुली हुई शर्ट पहनती है. हम उन्हें कपड़े पहनने से रोक नहीं सकते, लेकिन अगर वह छोटे कपड़े नहीं पहनेगी तो वह खुद को पुरुषों की बुरी नज़र से बचा सकती हैं.

छोटे कपड़ों की वजह से ही रेप और हत्या होती है.

इससे पहले 13 जनवरी को इन्होंने कहा था कि हिन्दु, मुस्लिम और भारतीय महिलाओं के लिए ड्रेस कोड होना चाहिए. इमाम बरकाती की यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी के बयान के बाद आई है. आज़मी ने कहा था कि बेंगलुरू में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ इस वजह से हुई थी क्योंकि उन्होंने भड़काऊ कपड़े पहने थे.

अगर इस देश में इस तरह के इमाम हैं, तो देश में शरिया कानून होना ही चाहिए. ऐसी मानसिकता वाले लोग देश का बेड़ा गर्क करने में लगे हुए हैं.