भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने बीते शनिवार को वर्ल्ड विमेन्स रैपिड चेस चैंपियनशिप जीत ली है. चीन के Lei Tingje के साथ Armageddon मैच ड्रॉ करके हम्पी ने ये ख़िताब अपने नाम किया.


रैपिड चेस चैंपियनशिप टूर्नामेंट में रैपिड टाइम कन्ट्रोल होता है. आम टूर्नामेंट के मुकाबले इसमें खिलाड़ियों को चाल सोचने के लिए कम वक़्त दिया जाता है.  

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ये टूर्नामेंट, मॉस्को में FIDE द्वारा आयोजित किया गया था.


2017 में विश्वनाथन आनंद के बाद हम्पी ये प्रतियोगिता जीतने वाली दूसरी भारतीय हैं.  

बीते शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए हम्पी ने कहा,

‘मुझे टाइ-ब्रेकर खेलने की उम्मीद नहीं थी. मैंने आख़िरी दो राउंड्स में गेम जीता. चीनी खिलाड़ी आगे थीं और उन्हें गेम जीतने के लिए सिर्फ़ एक ड्रॉ की ज़रूरत थी. जब मैंने सुबह गेम शुरू किया तो मुझे पहले तीन में आने की उम्मीद थी. पर ये जुए का खेल है और जैसे-जैसे दिन बढ़ा मैं किसी भी हाल में जीत हासिल करना चाहती थी.’  

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हम्पी ने ये भी कहा कि लोगों को उम्मीद नहीं थी कि वो ये चैंपियनशिप जीतेंगी.


इस चैंपियनशिप में हम्पी के दूसरे खिताब की उम्मीदें टूट गईं. 2 दिन के Blitz प्रतियोगिता में वे 12वें स्थान पर रहीं. 

2016 से 2018 के बीच ब्रेक लेने के बाद हम्पी ने चेस में वापसी की थी. 

2002 में सिर्फ़ 15 साल की हम्पी ने विश्व के सबसे कम उम्र के चैंपियन का ख़िताब हासिल किया था.