अगर हम कमज़ोरी को ताक़त बना लें, तो दुनिया जीत सकते हैं. चौथी कक्षा में पढ़ने वाला कुणाल श्रेष्ठ इस कथन का सबसे बड़ा उदाहरण है. ये बच्चा मणिपुर के इम्फ़ाल का रहने वाला है. आपको जानकर हैरानी होगी कि बचपन से कुणाल का एक पैर नहीं है और फिर भी आज वो अपनी क़ाबिलियत से सुर्खियों में है. 

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कुणाल ने एक पैर न होने का अफ़सोस नहीं मनाया, बल्कि उसे अपनी ताक़त बनाया. आज वो बैसाखी की मदद से बाक़ी बच्चों के साथ फ़ुटबॉल भी खेलता है और एक पैर से साइकिल भी चलाता है. फ़ुटबॉल खेलते हुए कुणाल का एक वीडियो भी ख़ूब वायरल हो रहा है. जिसने ये वीडियो देखा वो मंत्रमुग्ध हो गया.

कुणाल की इस ख़ूबी के बारे में उसकी मां ने ANI से बात करते हुए कहा कि ‘मेरे बेटे का जन्म बिना अंग के हुआ था. मैंने उसे उसके बाक़ी साथियों से अलग महसूस नहीं कराया. उसने भी कभी अपने प्रदर्शन में कभी नहीं आने दी. kya likhna chah rahi ho  यहां तक कि उसने साइकिल भी ख़ुद से चलाना सीखा.’

वहीं कुणाल का कहना है कि उसे फ़ुटबॉल खेलना अच्छा लगता है. शुरूआत में उसे बैलेंस बनाने में दिक्कत होती थी. वो थोड़ा डरा भी, लेकिन आज उसमें आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है. 

देखा… दुनिया में कुछ भी नामुमकिन नहीं है. बस ख़ुद की शक्ति को पहचानने की देरी होती है.