Odisha Train Collision: 2 जून 2023 को ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस हादसे में 288 लोगों से ज़्यादा लोग मारे गए और कई लोग लापता हैं. तीन ट्रेनों के बीच हुए इस हादसे ने कई परिवारों को उजाड़ दिया. मगर वहीं कुछ लोग सही सलामत भी बच गए.

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मगर कहते हैं कि जाको राखे साइंया मार सके न कोय…ऐसी ही एक कहानी इस हादसे (Odisha Train Collision) से बाल-बाल बचीं लक्ष्मी दास ने सुनाई. आइए जानते हैं कि आख़िर ऐसा क्या हुआ है लक्ष्मी दास के साथ. 

दरअसल, इस भयावह हादसे के बाद पटरियों की दोबारा से मरम्मत कर दी गई. इसके बाद, बुधवार को पश्चिम बंगाल के शालीमार से चेन्नई के लिए कोरोमंडल एक्सप्रेस रवाना हुई. इसमें दोबारा से काफ़ी यात्रियों ने यात्रा की, जिनमें से कुछ को तो उस हादसे ने अभी भी डराया हुआ है तो कुछ ने भारतीय रेलवे पर अपना भरोसा भी जताया.

coromandel express
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ख़ैर ये तो अलग बात हुई, उन्हीं यात्रियों में से एक थीं हुगली के कोननगर की रहने वाली लक्ष्मी दास सरकार, जो लड्डू गोपाल पर बहुत विश्वास करती हैं और हमेशा अपने साथ उन्हें लेकर चलती हैं उन्होंने India Today बताया कि, कैसे वो इस भयानक हादसे से बची हैं?

मुझे भी 2 जून को कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा करनी थी लेकिन उसी दिन मेरी बेटी के कारण मुझे वो यात्रा रद्द करनी पड़ी क्योंकि उसे अपने ऑफ़िस में कोई ज़रूरी काम था इस वजह से वो नहीं गईं और उसी दिन वो भयानक हादसा हो गया. मैं भगवान का शुक्रिया अदा करती हूं कि मुझे मुझे मेरे लड्डू गोपाल ने बचाया है, जिन्हें मैं हमेशा अपने साथ रखती हूं. “मैं अपने भगवान लड्डू गोपाल को धन्यवाद देना चाहती हूं.”

Laxmi Das sarkar
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ओड़िशा ट्रेन हादसे से जुड़ी जानकारी हेतु इन Helpline Numbers पर कॉल कर सकते हैं:

आपको बता दें कि, ओडिशा के बालासोर ज़िले में को ये हादसा तीन ट्रेनें जिनमें SMVB-हावड़ा एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की आपस में भिड़ंत से हुआ है, जिसमें 288 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई और 1000 से ज़्यादा लोग घायल हैं. इस हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस की 15 बोगियां पटरी से उतरी थीं. जिसमें 7 बोगियां पूरी तरह पलट गई थीं. रेलवे बोर्ड ने हादसे के बाद बड़ी जानकारी देते हुए ड्राइवरों के हवाले से बताया था कि, सिग्नल में गड़बड़ी के कारण ये हादसा हुआ है.