एकता की लाठी सिर्फ़ मज़बूत ही नहीं होती, बल्क़ि दूसरों को सहारा देने के भी काम आती है. दक्षिणी दिल्ली के कालू सराय के पड़ोस में स्थित गुरुद्वारे और मस्ज़िद ने इसे साबित भी किया है. दोनों मिलकर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मज़दूरों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं.
caravanmagazine की रिपोर्ट के मुताबिक़, कालू सराय में Gurudwara Shri Singh Sabha से दो वॉलेंटियर हरबंस सिंह और सुरेंद्र सिंह 30 मार्च से हर रोज़ सुबह 9 बजे पास में स्थित मस्ज़िद में जाते हैं. यहां असलम चौधरी पहले से ही कुछ लोगों के साथ एक बड़ा चावल का बोरा, सब्ज़ियों और बाकी खाना बनाने के सामान के साथ मौजूद रहते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2020/04/5e8858fd18ac814aab319f69_e5b47f23-a7e7-4f3d-b7c7-f3ab4837a454.jpg)
यहां हर रोज़ वेजिटेबल पुलाव बनाया जाता है या कभी-कभी खिचड़ी-दाल भी बन जाती है. असलम चौधरी ने बताया कि, ‘चावल को बनाना और पैक करना आसान होता है, साथ ही पुलाव पौष्टिक भी है.’
उन्होंने कहा कि इसे ऐसा होना भी चाहिए अगर उद्देश्य दिल्ली में बिखरे झुग्गियों में रहने वाले और मज़ूदूरों को खाना खिलाना है, जो बमुश्क़िल एक वक़्त का खाना खा पाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को मात देने के लिए 21 दिन के लॉकडाउन का एलान किया. हालांकि, ये लॉकडाउन दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों में झुग्गियों में रहने वाले और दिहाड़ी मज़दूरों पर कहर बनकर टूटा. उनके पास कोई रोज़गार नहीं बचा और न ही कोई बचत थी, जिससे वो कुछ समय तक इन शहरों में रह सकते. ऐसे में हज़ारों की संख़्या में ये लोग अपने घर-गांव को जाने को मजबूर हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2020/04/5e8858fd18ac814aab319f69_b47c0f8f-8283-4736-8ef7-20073d6e0ceb.jpg)
इस वक़्त ट्रांसपोर्ट भी मुहैया नहीं है, ऐसे में ये मज़दूर पैदल ही अपने घर को निकल पड़े हैं.
हालांकि, दिल्ली सरकार ने कुछ कदमों की घोषणा की है, जैसे कि 4 लाख लोगों को खिलाने के लिए 500 Hunger Relief Centres स्थापित करना और Hunger Helplines की शुरुआत. राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में, नागरिक-समाज समूह, व्यक्ति और धार्मिक संस्थान जैसे मंदिर, मस्ज़िद और गुरुद्वारे हज़ारों श्रमिकों को खाना खिला रहे हैं. इन प्रयासों के द्वारा उन लोगों की मदद की जा रही है, जिन तक फ़िलहाल सरकार की राहत नहीं पहुंच रही है.
असलम चौधरी, पीएम मोदी के लॉकडाउन के ऐलान के दो दिन बाद से ही ये सेवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘सिचुएशन बहुत ख़राब है.’ दक्षिण दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से कई फ़ोन आ रहे हैं. चौधरी खुद भी कैटरिंग का बड़ा व्यवसाय करते हैं, इसलिए उन्हें ज़्यादा लोगों का खाना तैयार करने का अंदाज़ा है. उन्होंने पहले कुछ लोगों को खाना बनाने के लिए रखा था, लेकिन वो ठीक नहीं बना रहे थे. बाद में उन्होंने गुरुद्वारे से मदद मांगी.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2020/04/5e8858fd18ac814aab319f69_3a251ea2-6c32-4b00-b218-ced96f768c03.jpg)
उन्होंने बताया कि, ‘लंगर बंद है, इसलिए मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं उनके बर्तन उधार ले सकता हूं. वे सहमत हो गए.’
गुरुद्वारे से उन्हें बर्तन मिल गए साथ ही दो खाना बनाने वाले भी आए, जो असलम की मदद करते हैं. हरबंस सिंह ने कहा कि, ‘जो हम लंगर में करते थे वैसा ही हम यहां भी कर रहे हैं. वहीं, सुपरवाइज़र सुरेंद्र सिंह ने कहा कि, ‘ये ऊपर वाले का आशीर्वाद है और जब तक लॉकडाउन जारी रहेगा, तब तक हम सेवा करते रहेंगे.’