लोकसभा चुनाव 2019 के तीसरे चरण में आज 15 राज्यों की 117 सीटों के लिए मतदान जारी है. इसके साथ ही देशभर के कई मतदान केंद्रों से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. 

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1- उत्‍तर प्रदेश के मुरादाबाद में भाजपा कार्यकर्ताओं की एक चुनाव अधिकारी के साथ मारपीट की ख़बर आ रही है. भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बूथ नंबर 231 पर तैनात चुनाव अधिकारी मतदाताओं को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्‍ह पर बटन दबाने को कह रहा था. इसके बाद पुलिस ने बीच-बचाव कर इस चुनाव अधिकारी को मारपीट से बचाया.  

2-  एटा के ज़िला पंचायत परिसर में भी मतदान को लेकर मतदाताओं ने हंगामा किया. ज़बरदस्ती साइकिल पर वोट डलवाने को लेकर वोटर और सेक्टर मजिस्ट्रेट के बीच ख़ूब नोंकझोंक हुई. वोटरों ने सेक्टर मजिस्टेट पर ग़लत वोटिंग कराने का आरोप भी लगाया. 

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3- मुरादाबाद लोकसभा सीट के बढ़ापुर थाना क्षेत्र के गांव मुकंदपुर राजमल में एक दलित युवक की हत्या के विरोध में अभी तक केवल 1 ही मतदाता ने वोट किया. गांव में कुल 920 मतदाता हैं. 

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4- उत्तर प्रदेश के ही कासगंज में मुस्लिम महिला मतदाताओं ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर ईवीएम को बंद किया गया है ताकि मुस्लिम वोट न डाल पाएं. मामला नबाब तरोरा बूथ नंबर 320 का है. 

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5- पीलीभीत के पिपराखास गांव में ग्रामीणों ने रेलवे लाइन से निकलने में दिक्कत होने के चलते मतदान का बहिष्कार कर दिया है. कुछ दिन पहले एक ग्रामीण की मौत हो गयी थी.  

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6- पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के दोमकल नगरपालिका में बम फ़टने से टीएमसी के तीन कार्यकर्ता घायल हो गए हैं.  

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7- छत्तीसगढ़ के सामरी थाना इलाके में नक्सलियों ने मतदान केंद्र तक जाने वाले रास्ते में आइईडी ब्लास्ट की घटना को अंजाम दिया है. फ़िलहाल ब्लास्ट की चपेट में कोई भी नहीं आया. 

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8- केरल में अलग-अलग पोलिंग बूथों पर सात लोगों की मरने की ख़बर है. इसमें एक व्यक्ति ने वोटर लिस्ट से अपना नाम गायब देखा तो उसे हार्ट अटैक आ गया. 65 साल के विजय की कन्नूर ज़िले में चोकली रामविलासम पोलिंग बूथ के बाहर, 66 साल के चाको मथाई की पतनमथिट्टा जिले के पेज़ुमपरा में और थ्रेस्य कुट्टी की एर्णाकुलम में मौत हो गई.

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आज तीसरे चरण में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी और वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत कई वीवीआइपी मतदाता अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया.