महाराष्ट्र के बुलढाना ज़िले में एक 50 हज़ार साल पुरानी झील है, जिसका नाम है लोनार. इस झील के पानी का रंग बीते कुछ दिनों से हरे से गुलाबी हो गया है. झील के पानी में आए इस अजीब बदलाव को लेकर स्थानीय लोग और वैज्ञानिक हैरान हैं.

लोनार झील दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी झील है जिसका निर्माण एक उल्कापिंड के गिरने से हुआ है. मगर वो उल्कापिंड कब आया और कहां गया इसका रहस्य किसी को नहीं पता. ये झील मुंबई से 500 किलोमीटर दूर बुलढाना में है. इस झील का पानी अचानक हरे रंग से गुलाबी हो गया है. झील में आए इस बदलाव को देख लोग हैरान हैं. इसकी तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. 

पानी के रंग में अचानक आए इस बदलाव का पता लगाया जा रहा है. लोनार के तहसीलदार ने बताया कि इस झील के पानी का सैंपल वन विभाग ने एकत्र किया है. इसकी जांच करने के बाद ही पता चलेगा कि ऐसा क्यों हुआ है.

लोनार झील कैसे बनी इसका रहस्य आज तक किसी को पता नहीं चला है. इस झील का ज़िक्र पुराणों में भी है. लगभग 7 किलोमीटर के व्‍यास में फैली इस झील की गहराई 150 मीटर है. इस झील की खोज 1823 में James Edward Alexander ने की थी.

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आईआईटी बॉम्बे के अनुसार इस झील की मिट्टी में पाए जाने वाले मिनिरल्स चांद की चट्टानों के खनिजों से मिलते हैं, जिसके सैंपल अपोलो मिशन के समय धरती पर लाए गए थे. 

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