बिहार में नशामुक्ति और शराबबंदी के समर्थन में एक अनोखे अभियान के तहत लोगों ने मानव चेन का निर्माण किया. इस चेन का मकसद लोगों को नशामुक्ति और शराब से होने वाले नुकसानों के प्रति जागरूक करना था. शराबबंदी बिहार के प्रमुख मुद्दों में से एक है और ये बात एक बार फिर साबित हुई, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ इस ह्यूमन चेन में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस के नेता और यहां तक की विपक्षी पार्टी बीजेपी के कई नेता भी मौजूद थे.

इस ह्यूमन चेन का निर्माण शनिवार दोपहर 12.45 से लेकर 1 बजे तक किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गांधी मैदान में मौजूद थे, जहां मानव चेन बनाने वाले लोगों ने चेन द्वारा बिहार का नक्शा बना डाला.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे बिहारवासियों को मानव श्रृंखला में शामिल होने पर तहे दिल से शुक्रिया कहा है। उन्होंने धन्यवाद ज्ञापन जारी कर मानव श्रृंखला के लिए सबके सहयोग और दृढ़ निश्चय की सराहना की। उन्होंने कहा कि सबके सहयोग से ही शराबबंदी पर लगाम लगाना संभव हो सका है। सबके सहयोग और समर्थन, साथ ही लोगों का ऐसा उत्साह देखकर अच्छा लगा। 

एजुकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेकेट्ररी आर के महाजन ने कहा कि इस मानव चेन से न केवल हम लोगों को जागरूक करने में सफल रहे, बल्कि विश्व रिकॉर्ड बनाने में भी कामयाब रहे हैं. वहीं चीफ़ सेक्रेट्री अंजनी कुमार सिंह और डीजीपी पी.के. ठाकुर ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि इस विशालकाय चेन प्रोग्राम के दौरान ट्रैफिक का सुचारू संचालन जारी रहेगा और इस चेन में शामिल होने वाले बच्चे और अध्यापक इसे सफल बनाने के लिए खुद की मर्जी से इस प्रोग्राम में शामिल होंगे.

हालांकि यह तथ्य पूरी तरह से ठीक नहीं है. दरअसल इस मानव चेन को सफल बनाने का श्रेय काफी हद तक स्कूल के बच्चों को जाता है. इस मानव चेन का निर्माण करने वाले लोगों में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी स्कूल के बच्चों की थी. 

कुछ बच्चों ने आरोप लगाया कि बीते शुक्रवार को अध्यापकों ने बच्चों को इस इवेंट में शामिल होने के लिए मजबूर किया था. कई शिक्षकों ने कहा था कि अगर बच्चे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे तो न केवल स्कूल से उनका नाम काट दिया जाएगा, बल्कि स्कूल द्वारा दी गई साइकिल और यूनिफॉर्म को भी वापस ले लिया जाएगा.

इन बच्चों में नर्सरी, एलकेजी जैसे बच्चे भी शामिल थे जो सड़कों पर सुबह 10 बजे से खड़े हुए थे और जिन्हें कोई अंदाजा नहीं था कि उनके साथ ऐसा सलूक आखिर क्यों हो रहा है. ज्यादातर जगहों पर इस ह्यूमन चेन को लोग बड़ी कौतूहल भरी निगाहों से देख रहे थे और ये कहना मुश्किल था कि शराबबंदी को लेकर चलाए जा रहे इस कैंपेन को कितना बारीकी से समझने में कामयाब रहे हैं.

हालांकि, गिनीज विश्व रिकॉर्ड्स ने इस चेन के परीक्षण से साफ़ इंकार कर दिया है और इसका कारण कुछ तकनीकी खामियों को बताया जा रहा है जिसकी वजह से गिनीज़ बुक ऑफ विश्व रिकॉर्ड्स का प्रशासन इस अद्भुत और विशालकाय चेन को मॉनीटर करने में नाकामयाब रहा. हालांकि लिम्का बुक ऑफ विश्व रिकॉर्ड की एक टीम इस मौके पर पटना में मौजूद थी और ये फिलहाल मानव चेन के परीक्षण में जुटी हुई है. उम्मीद है कि नशे के खिलाफ बिहार की ये जंग लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाने में कामयाब रहेगी.

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