राजनीति को धर्म की तरफ़ कैसे मोड़ा जाता है, ये कोई यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से सीखे. हाल ही में उन्होंने राजस्थान में बीजेपी प्रत्याशी के सर्मथन में रैली करते हुए ऐसा ही एक बयान दिया है. योगी ने अपने भाषण में भगवान बजरंगबली का ज़िक्र करते हुए कहा कि वो एक दलित थे.
ये रैली अलवर ज़िले की मालपुरा विधानसभा क्षेत्र में आयोजित की गई. यहां से बीजेपी के उम्मीदवार राम किशन सिंह हैं. योगी आदित्यनाथ इस रैली में चीफ़ गेस्ट बन कर पहुंचे थे. उन्होंने लोगों से अपनी पार्टी के कैंडिडेट के लिए वोट करने की अपील करते हुए कहा कि हमें बजरंगबली जैसा बनना चाहिए.
योगी ने कहा- ‘हम सब का संकल्प बजरंगी संकल्प होना चाहिए. वो एक ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, निरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं. पूर्व से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक सबको जोड़ने का कार्य बजरंगबली करते हैं. इसलिए बजरंगबली जैसा संकल्प होना चाहिए. ‘
उन्होंने कहा कि, ‘राम काज किन्हें बिना मोहि कहां विश्राम, हमारा संकल्प होना चाहिए जब तक राष्ट्र का काज न हो तब तक विश्राम नहीं करेंगे. आप हमारे प्रत्याशी को जिताएं और हम आपके क्षेत्र का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.’
योगी आदित्यनाथ धर्म का कार्ड खेलने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश की एक रैली में आने वाले चुनावों को बीजेपी के बजरंगबली बनाम कांग्रेस के अली का मुकाबला बताया था. इसके लिए उनकी आलोचना भी की कई गई थी.
राजस्थान विधानसभा कि ये सीट दलितों के लिए आरक्षित है. यहां पर एसटी और एसटी जाति के लोग अधिक हैं. शायद इसीलिए योगी आदित्यनाथ ने यहां बजरंगबली के दलित होने का राग अलापा है.