गुरुवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी की बेल अपील ख़ारिज कर दी. The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, फ़ारूक़ी और इंदौर निवासी नलिन यादव को 1 जनवरी को गिरफ़्तार किया गया था.  

फ़ारूक़ी पर अपने शो में हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने के आरोप हैं.  

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कोर्ट की इंदौर पीठ ने कहा कि अभी तक जमा किए गए सुबूतों से ये साबित होता है कि फ़ारूक़ी ने भारत के नागरिकों की धार्मिक भावनाएं आहत की है. पीठ ने ये भी कहा कि फ़ारूक़ी ने सोशल मीडिया पर हिन्दू देवी-देवता, भगवान राम, देवी सीता पर घटिया जोक्स बनाए. इसके ख़िलाफ़ बीते 18 महीनों से सोशल मीडिया पर विरोध हो रहा था.  

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जस्टिस रोहित आर्या ने फ़ारूक़ी से इस तरह के सवाल किए-

‘किसी की धार्मिक भावनाओं का अनुचित लाभ कैसे उठा सकते हो?’
‘ये किस तरह की मानसिकता है?’
‘बिज़नेस के लिए ऐसा कैसे कर सकते हो?’

फ़ारूक़ी के वक़ील विवेक तनखा और अंशुमान श्रीवास्तव ने कहा कि कॉमेडियन ने इवेंट में एक शब्द नहीं कहा जिसके लिए उसे सज़ा मिल रही है. जस्टिस रोहित आर्या का मत था कि ‘ऐसे लोगों को नहीं छोड़ना चाहिए.’ 

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1 जनवरी को मुनव्वर फ़ारूक़ी को इंदौर के एक इवेंट से गिरफ़्तार किया गया था. 5 जनवरी को फ़ारूक़ी की बेल अपील सेशन्स कोर्ट ने रद्द की. 13 जनवरी को फ़ारूक़ी की कस्टडी 2 हफ़्ते के लिए बढ़ाई गई.