मिट्टी, चॉक और पेंसिल की नोक खाने वाले लोगों के बारे में तो सुना ही होगा, मगर क्या कभी सुना है कि कोई कांच की बनी चीज़ें खाता हो. नहीं सुना तो अब सुन लीजिए. मध्य प्रदेश के डिंडोरी ज़िले के दयाराम साहू कांच की बनी चीज़ें क़रीब 40 साल से खा रहे हैं. वो कांच ऐसे खाते हैं जैसे मक्खन खा रहे हों. 

दयाराम साहू एक वक़ील हैं. जब उनसे पूछा गया कि वो कांच क्यों खाते हैं तो उनका जवाब था,

मैंने कांच खाना 40 साल पहले शुरू किया था. कुछ अलग करने की चाह में मैंने कांच खाना शुरू कर दिया. आज मुझे इसका नशा हो गया है.
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डॉक्टर की मानें तो कांच खाने से आंतों को नुकसान पहुंचता है, लेकिन 

मुझे आज तक ऐसा कुछ नहीं हुआ हैं हां मेरे सिर्फ़ दांत ख़राब हो गए हैं. मैं किसी को ऐसा करने के लिए नहीं कहूंगा. क्‍योंकि ये सेहत के लिए बहुत हानिकारक है. अब मैंने पहले कांच खाना कम कर दिया है

शाहपुरा के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर सतेन्द्र परस्ते ने कहा, लोगों को कांच नहीं खाने चाहिए इससे शरीर के आंतरिक हिस्सों को नुकसान पहुंचता है. क्योंकि कांच डायजेस्ट नहीं होती है. इसलिए ये Alimentary Canal में जाती है जिससे अल्सर और संक्रमण होने का डर रहता है. इससे पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं. 

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दयाराम के इस नशे को ट्विटर पर भी जमकर प्रतिक्रियाएं मिली हैं.

आपको बता दें, डॉक्टरों की सलाह के बाद दयाराम ने कांच खाना कम कर दिया नहीं तो पहले वो एक बार क़रीब एक किलो कांच खा जाते थे.