मध्यप्रदेश में एक ऐसी घटना हुई, जिसको जानकर पुलिस के लिए इज़्जत ख़ुद ही बढ़ जाएगी. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिस वाला सड़क हादसे में घायल महिला को अपनी पीठ पर लादकर अस्पताल पहुंचा रहा है.

ये वीडियो जबलपुर जिले का है. यहां मंगलवार को एक मिनी ट्रक के अनियंत्रित होकर पलटने से एक सड़क हादसा हो गया, जिसमें क़रीब 35 खेतिहर मज़दूर ज़ख्मी हो गए. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया.
जब मरीज़ अस्पताल पहुंचे तो पुलिस ने पाया कि घायलों को अस्पताल के अंदर ले जाने के लिए पर्याप्त स्ट्रेचर नही हैं. ऐसे में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, संतोष सेन, एलआर पटेल और कॉन्स्टेबल अशोक, राजेश और अंकित ने स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अपनी पीठ पर उठा लिया और उन्हें अंदर ले गए.
2006 में बदमाश के साथ मुठभेड़ में गोली लगने से एक हाथ ढंग से काम नहीं करता, फिर भी जबलपुर में सड़क हादसे में घायल मज़दूरों को कंधे पर लादकर अस्पताल तक दौड़े 57 साल के एएसआई संतोष सेन @ndtv @ndtvindia @vinodkapri @ipskabra pic.twitter.com/VkaWMSASR5
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) November 18, 2020
वायरल वीडियो में नज़र आ रहा है कि 57 साल के संतोष सेन घायल बुज़ुर्ग महिला को पीठ पर लादकर अस्पताल के अंदर भाग रहे हैं. महिला दर्द से कराह रही है. अंदर एक और पुलिस वाला है, जो महिला को पीठ पर बैलेंस बनाए रखने में मदद कर रहा है.
14 साल पहले गोली लगने से एक हाथ ठीक से नहीं करता है काम
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर संतोष सेन को क़रीब 14 साल पहले 2006 में शूटआउट के दौरान गोली लगी थी. वो नरसिंहपुर जिले में काम कर रहे एक फ़रार अपराधी को पकड़ने गए थे, उस दौरान उनके दाहिने हाथ पर गोली लग गई, तब से उनके हाथ में परेशानी रहती है. इसके बावजूद भी सेन ने अपनी परवाह नहीं की और घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया.

संतोष सेन और बाकी पुलिस वालों की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना हो रही है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उनकी सराहना की है. वहीं, पुलिस महानिरीक्षक (जबलपुर रेंज) भागवत सिंह चौहान ने सेन की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस के जवानों के लिए ‘एक अच्छा उदाहरण स्थापित करने के लिए’ उन्हें एक हज़ार रुपये का इनाम दिया जाएगा.
बता दें, हादसे में किसी भी मज़दूर के गंभीर रूप से घायल या ख़तरे में होने की ख़बर नहीं है. पुलिस वालों की मुस्तैदी के चलते सभी को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया गया था.