समाज की बनी बनाई सोच से अलग चलकर नई मिसाल कायम करना कोई आसान काम नहीं है. स्टीरियोटाइप के बारे में बात करना आसान है मगर उसे तोड़ना नहीं. मगर मध्य प्रदेश की इन दोनों बहनों ने अपनी ही शादी में कर दिखाया कमाल. 

वैसे तो शादी में हमेशा दूल्हा घोड़ी चढ़ दुल्हन के यहां जाता है मगर यहां अलग मामला देखने को मिला. यहां बहनें साक्षी और सृष्टि घोड़ी चढ़ पहुंची अपने दूल्हे के घर.       

दुल्हन के पिता ने कहा कि ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ के अभियान में सरकार की मदद करना समाज की जिम्मेदारी है. 

ख़ैर, ऐसा पहली बार नहीं है समाज में ऐसे बहुत से उदहारण है जब महिलओं ने रुढि़वादी सोच को अपने हुनर और फैसलों के दम पर दी चुनौती है.