मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री ललिता यादव ने छत्तरपुर के एक मंदिर में दो मेंढकों की शादी करवाई, वो भी पूरे ताम-झाम के साथ.
मंत्री साहिबा और कुछ लोकल बीजेपी नेताओं के साथ मिलकर ‘आषाढ़ उत्सव’ का आयोजन किया और उसी में मेंढकों की शादी करवाई गई. इसके बाद महाभोज भी रखा गया था.
मंदिर के पुजारी आचार्य बृजनंदन ने HT को बताया,
मेंढकों की शादी और उसके बाद महाभोज की रीति बहुत पुरानी है. ऊपरवाले को प्रसन्न करने के लिए ऐसा किया जाता है.
आचार्य जी जैसे ही आस-पास कई लोग ये मानते हैं कि मेंढकों की शादी करवाने से अच्छी बारिश होगी
मंत्री साहिबा के इस कृत्य पर कॉन्ग्रेस नेताओं ने भी चुटकी ली. छत्तरपुर के सीनियर कॉन्ग्रेस लीडर, आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि मंत्री साहिबा लोगों को पीने का पानी मुहैया करवाने के बजाए ऐसा कर्मकांडों में वक़्त गुज़ार रही हैं.
ललिता जी ने आरोपों पर सफ़ाई देते हुए कुछ यूं कहा,
ये अंधविश्वास नहीं है बल्कि स्थानीय परंपरा है और प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए ऐसा करवाना ज़रूरी है. प्रकृति का संतुलन बिगड़ने के कारण सूखे की समस्याएं उत्पन्न होती हैं. हमारे पूर्वज भी भगवान को ख़ुश करने के लिए ऐसा करते थे.
ललिता जी का चुनाव क्षेत्र, बुंदेलखंड इलाके में पड़ता है और ये जगह पिछले 2 सालों से सूखे की भयंकर मार झेल रही है. सूखे से पीड़ित हज़ारों लोग इस इलाके को छोड़कर जा चुके हैं. बुंदेलखंड क्षेत्र में पड़ने वाले 6 ज़िले (सागर, छत्तरपुर, दमोह, टिकमगढ़, पन्ना और दतिया) पिछले 1 दशक से सूखा पड़ रहा है.
अजीब है, एक तरफ़ कम से कम संसाधनों में एक जोड़े ने विवाह किया और दूसरी तरफ़ लोग आज के युग में भी इन सब बातों पर विश्वास कर रहे हैं.