इन दिनों एमपी का सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व सुर्खियों में है, पर इसका कारण टाइगर नहीं, बल्कि एक पेड़ है. इस पेड़ के बारे में कहा जा रहा है कि उसे छूने या फिर गले लगाने से लोगों के दुख दर्द दूर हो जाते हैं. लोग इसे चमत्कारिक पेड़ कह रहे हैं और इसकी ख़बर तेज़ी से आस-पास के इलाकों में फैल रही है. इसके दर्शन करने के लिए लोग बड़ी संख्या में एमपी का रुख कर रहे हैं. अब ये वहां के प्रशासन के लिए नई मुसीबत बन गया है.

दरअसल, एमपी के पिपरिया शहर में एक महुआ का पेड़ है. इसके बारे में कहा जा रहा है कि इसके अंदर चमत्कारिक शक्तियां हैं. कई लोगों ने दावा किया है कि इसे छूने से उनकी बीमारियां दूर हो गई हैं. पिछले नवरात्र में ये ख़बर तेज़ी से वायरल हुई थी. इसके बाद से ही यहां हर रोज़ सैंकड़ों लोग आ रहे हैं. लोग इसकी पूजा-अर्चना करते हैं और इसके चक्कर भी लगा रहे हैं.

हालांकि, ये पेड़ दूर-दराज के इलाके में है, लेकिन फिर भी लोगों का आना कम नहीं हुआ है. इसकी लोकप्रियता के चलते ही पिपरिया शहर से इस तक जाने के रास्ते में क़रीब 300 दुकानें खुल गई हैं. अमरवाड़ा के 60 साल के बुज़ुर्ग पूना राम कुनवाही ने कहा कि उनके शरीर में दर्द रहता था और वो इसके कारण चल भी नहीं पाते थे, लेकिन इस पेड़ को छूने के बाद से ही उनका दर्द गायब हो गया है और वो आराम से चल पा रहे हैं.

उनके जैसे ही कई लोगों ने दर्द, गठिया और अंधेपन से छुटकारा पाने के दावे किए हैं. प्रशासन के लिए ये बात अब परेशानी का सबब बन गई है. उनके लिए भीड़ को काबू करना मुश्किल हो रहा है. बुधवार को प्रशासन ने इस पेड़ के पास लोगों को जाने से रोका तो, भीड़ ने गुस्से में पुलिस पर पथराव भी कर दिया. इसमें 11 पुलिसवाले घायल हो गए थे. इसके चलते इसके आप-पास धारा 144 लगा दी गई है.

जानकारों का कहना है कि इस पेड़ में ऐसा कुछ नहीं है. ये मात्र एक अफ़वाह है. पूर्व मुख्य सचिव एस.सी. बेहर का कहना है कि इस पेड़ में कोई चमत्कारिक शक्तियां होने के कोई भी वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं मिले हैं. ये महज एक अफ़वाह है, जिसे तथाकथित बाबाओं ने फैलाया है.
अब ये लोगों का अंधविश्वास है या फिर आस्था आप ही तय कीजिए. कमेंट सेक्शन में आपके विचारों का स्वागत है.
News के और आर्टिकल पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.