कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए लोग तमाम तरह के उपाय कर रहे हैं. इनमें से एक फ़ेस मास्क भी है. जबसे इस ख़तरनाक वायरस ने दस्तक दी है, तब ही से मास्क की डिमांड भी बढ़ गई है. यही वजह है कि लगातार बाज़ार में इनकी कमी की ख़बरें भी आ रही हैं. आम लोगों को तो इससे परेशानी हो ही रही है, साथ ही पुलिस को भी काफ़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र के भंडारा जिले की पुलिस को भी इसी समस्या से दो-चार होना पड़ा.   

दरअसल, पुलिस ने 1600 मास्क मांगे थे, लेकिन उनसे एक हफ़्ते इंतज़ार करने को कहा गया है. ऐसे हालात में पुलिस ने खुद ही मास्क बनाना शुरू कर दिया. बीते चार दिनों से चार महिलाएं और दो पुरुष 12-12 घंटे काम कर रहे हैं. सोमवार तक जब उनके पास राज्य सरकार की तरफ़ से मास्क आए तब तक वो 2000 हज़ार मास्क बना चुके थे.   

Indianexpress की रिपोर्ट के मुताबिक़, भंडारा के एसएसपी अनिकेत भारती ने बताया कि, ‘हमारे पास करीब 1,600 लोगों का बल है और हमारी योजना ये है कि हर कर्मचारी के पास दो मास्क होने चाहिए, जिससे हर समय एक अतिरिक्त होगा.’  

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उन्होंने कहा कि मास्क बनाने की जिम्मेदारी पुष्पा उके को दी गई है. पुष्पा क़रीब 35 साल से महिला पुलिसकर्मियों को सिलाई सिखा रही हैं. कोरोना वायरस के कारण उन्होंने काम बंद करना पड़ा था, लेकिन जरूरत पड़ने पर फिर से काम शुरू किया है.  

पुष्पा ने 100 मीटर हरा कपड़ा और इस्लामिक बैंड खरीदे, जिसके बाद रोज़ाना 500 मास्त तैयार किये गए. एक बार सही साइज़ में कपड़ा काट लिया जाता था, तो एक मास्क बनाने में महज़ पांच मिनट ही लगते थे. सभी पुलिसकर्मियों के लिए दो-दो मास्क, एक जोड़ी ग्लव्स और एक बोतल हैंड सेनेटाइज़र दिया गया.   

एसआई राजेश वासनिक ने बताया कि काम सुबह 7 से लेकर रात 8 बजे तक चलता था.   

‘हम जानते हैं कि जो हमारे साथी फ़ील्ड पर ड्यूटी के लिए जा रहे हैं, उनके लिए खुद को सुरक्षित रखना कितना महत्वपूर्ण है.’  

साथ ही उन्होंने कहा कि उनके बनाए मास्क को धोकर फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है. मास्क की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा गया है.