कश्मीर शुरू से ही विवाद के घेरे में रहा है. आपने अकसर News में सुना होगा कि कश्मीरी युवकों ने आर्मी पर पत्थर फेंके और हमला किया. लेकिन इसका एक पक्ष ये है कि सारे कश्मीरी लड़के हाथ में पत्थर लिए खड़े नहीं है. करते तो गिनती के कुछ ही लोग हैं, पर नाम सबका आ जाता है. पत्थरबाजी में पश्चिमी कश्मीर बहुत बदनाम है. क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने के लिए इन युवाओं को आर्मी और भारत के खिलाफ़ भड़काने वाले अलगाववादी नेता होते हैं. युवाओं का माइंडवॉश करने के लिए ये लोग ख़ास Distorted वीडियो या मेसेज का इस्तेमाल करते हैं.

ये भारत विरोधी अलगाववादी नेता ख़ुद अपने बच्चों को पढ़ने के लिए यूरोप और लंदन भेज देते हैं. लेकिन राज्य के तमाम बच्चों और युवाओं को भड़का कर अपना धंधा चला रहे हैं. गलती हमारी सरकार की भी है, जो हर युवा को पत्थरबाज़ और Anti-नेशनल समझ लेती है. लेकिन इतना ज़रूर है कि ये ज़हर फ़ैलाने का काम इतने करीने से किया जाता है कि किसी को कानो-कान ख़बर नहीं होती और युवा बहक जाते हैं. इन्हीं को रोकने के लिए जो पेलेट गन का इस्तेमाल किया जाता है, उसकी वजह से कई लोग अपनी आंखें खो बैठे हैं. इन अलगाववादियों को बेनक़ाब करने के लिए इंडियन आर्मी के मेजर गौरव आर्या ने वीडियो शेयर किया है. ये वीडियो एक कड़वा सच है, जो अलगाववादी नेताओं की दोहरी छवि को उजागार करता है. इस वीडियो में बस कुछ बच्चे हैं, जो सिखाये हुए नारों को दोहरा रहे हैं. ये सारे नारे पाकिस्तान समर्थन और भारत विरोध के ऊपर आधारित हैं.

अब आप ख़ुद सोच सकते हैं कि अभी से जब इन बच्चों में इतनी नफ़रत घोली जा रही है कि आर्मी के सामने खड़े होकर देश-विरोधी नारे लगा रहे हैं. यही कश्मीर का सच है. हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ़ सयेद सलाहुद्दीन ने भी कहा था कि कश्मीर में उनकी लड़ाई आज़ादी की नहीं, इस्लाम का वर्चस्व हासिल करने की है. उनके इस स्टेटमेंट को कुछ न्यूज़ चैनल्स ने दबा दिया था. खैर, देश के नौनिहालों और युवाओं से ये कहना है कि देश आपका है और आप इस देश के हैं. बहकावे की राजनीति में उनका घर चलेगा, पर आप भूखे सोयेंगे. दूसरे आपके कन्धों पर बंदूक रख कर ख़ूब गोलियां चलाएंगे, ये आपको देखना है कि आपको अपना घर चलाना है या जलाना?

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Source: Topyaps