कश्मीर घाटी में पत्थरबाज़ों से निपटने के लिए एक स्थानीय युवक को जीप से बांध कर मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले मेजर नितिन गोगोई को सेना ने सम्मानित किया है. मेजर गोगोई को सेना प्रमुख, जनरल बिपिन रावत ने हाल की जम्मू-कश्मीर यात्रा के दौरान सम्मानित किया.
सैन्य प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि मेजर लितुल गोगोई को आतंकवाद विरोधी अभियान में ‘निरंतर प्रयास’ के चलते ‘कमेंडेशन कार्ड’ से सम्मानित किया गया है. सम्मानित करते वक्त उनके बेहतरीन योगदान और कोर्ट ऑफ इन्कवायरी से मिले संकेत को भी ध्यान में रखा गया है.

गौरतलब है कि श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए 9 अप्रैल को हुए उपचुनाव के दौरान एक व्यक्ति को आर्मी की जीप से बांधा हुआ दिखाया गया था. इस वीडियो के वायरल होने पर देश में लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रिया आई थीं. इसके बाद ही सेना ने एक जांच समिति का गठन किया था.
जीप में बंधे व्यक्ति की पहचान फ़ारूक़ अहमद के रूप में हुई थी. सेना का कहना था कि फ़ारूक़ एक पत्थरबाज़ हैं, जबकि फ़ारूक ने इस बात से इंकार किया था. फ़ारूक़ के मुताबिक उस वक्त वो वोट देकर लौट रहा था. मामले में फिलहाल सेना के एक मेजर के ख़िलाफ़ कोर्ट आॅफ इंक्वायरी (सीओआई) चल रही है.

बाद में इस घटना को लेकर जम्मू कश्मीर पुलिस ने एफ़आईआर भी दर्ज की थी. लेकिन अभी तक एफआईआर के बाद की कार्रवाई के बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है. मेजर गोगोई को ऐसे समय में अवार्ड से सम्मानित किया जाना साबित करता है कि कश्मीरी युवक को जीप के बोनट से बांधने के मामले में अब कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में शायद उन्हें दोषी नहीं माना जाएगा.