दक्षिण दिल्ली की एक कॉलोनी, राजधानी का पहला ऐसा एरिया बनने जा रही है जहां अब सार्वजनिक नलों का पानी भी पीने लायक होगा. एक ऐसे क्षेत्र में जहां लोग गर्मियों के दौरान लगातार पानी की किल्लत का सामना करते आए हैं, सरकार का ये कदम सराहनीय कहा जा सकता है

मालवीय नगर इलाके में अब नल के पानी को भी पीने के पानी की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा. ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल ही इस जगह पर अमोनिया की बढ़ी हुई मात्रा की वजह से पानी की सप्लाई को बंद कराना पड़ा था.

दिल्ली सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत अंजाम दिया है. सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए फ्रेंच कंपनी Suez के साथ करार किया था. इस योजना से दिल्ली के करीब 1900 लोगों का फायदा होगा और इसे दिल्ली के बाकी क्षेत्रों में भी लागू करने की तैयारियां होने लगी है.

दिल्ली जल बोर्ड के चेयरपर्सन कपिल मिश्रा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से 340 परिवारों को मदद मिलेगी. लोग अब नल के पानी को भी पीने के पानी की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे. इस प्रोजेक्ट के तहत एक लीक डिटेक्शन सिस्टम को भी लाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि लोग अब पानी के लीकेज की समस्या से परेशान नहीं होंगे. इससे लोगों की Water Purifier पर निर्भरता भी खत्म होगी. पानी के पंप न होने की वजह से बिजली की खपत भी कम होगी और लोगों के घरों में पानी के बिल भी कम आएंगे. मिश्रा ने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट को दिल्ली के बाकी क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना है.

नवजीवन विहार में पिछले दो दशकों से रह रहे जे अरोड़ा ने कहा कि हमने इस सोसाइटी में बहुत कुछ देखा है. एक समय में इस क्षेत्र में पानी की किल्लत से जूझना पड़ता था. जल बोर्ड के टैंक भी समय पर नहीं पहुंचते थे लेकिन आज सार्वजनिक नलों से पीने का पानी मुहैया होना एकदम स्वप्न सरीखा है. वहीं कुछ लोगों ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर भी दिल्ली सरकार के इस कदम की तारीफ़ की.

गौरतलब है कि कपिल के साथ ही डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी इस योजना का उद्घाटन करने पहुंचे थे.