गंगाजल याद तो होगी. ‘सब पवितर कर देंगे’. पागल भीड़ क्रिमिनल्स को एसिड से पवित्र कर रही थी. इस पिक्चर के सिक्वल, जय गंगाजल में भी कुछ ऐसा ही था, ‘सुसाइड’.
कुछ इसी तरह का दौर अब रियल लाइफ़ में भी देखने को मिल रहा है. फ़र्क बस ये है कि भीड़ ही नहीं, अकेला व्यक्ति भी अपने को समाजसुधारक बताकर लोगों का सरेआम क़त्ल कर रहा है. राजस्थान के राजसमंद में एक आदमी ने सरेआम एक दूसरे आदमी की जान ले ली. इस पूरी घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया गया. हत्यारा बड़ी शान से वीडियो में कह रहा है कि लव जिहादियों का यही अंजाम होगा.
एक आदमी की बेरहमी से हत्या करने पर भी उसकी रूह नहीं कांपी और अपने ‘धर्म’ को बचाने के लिए इतना जघन्य काम किया. वीडियो देखकर ये भी पता चलता है कि वीडियो बनानेवाला एक तीसरा व्यक्ति भी मौजूद था और उसने भी हत्यारे का साथ दिया.
हत्यारे को हिरासत में ले लिया गया है, ऐसा राजस्थान के गृह मंत्री का दावा है कि आरोपी, शंभूनाथ मृतक, अफ़राजुल को काम दिलाने के बहाने ले गया और उसकी हत्या कर दी.
सूत्रों से पता चला है कि मृत व्यक्ति पश्चिम बंगाल का रहना वाला था और एक मज़दूर था. क्या थी उसकी ग़लती, ये शायद उसे भी नहीं पता हो.
लव जिहादी होने का आरोप लगाकर इससे पहले भी कई बार लोगों को बेरहमी से मारा गया है. इसी साल मई में बुलंदशहर में एक 60 साल के व्यक्ति की हत्या कर दी गई, उस पर इल्ज़ाम था कि उसने एक इन्टरफ़ेथ कपल को भगाने में मदद की थी. परिवारवालों ने हिन्दू युवा वाहिनी पर हत्या का आरोप लगाया, अब तक इस मामले में कोई कार्यवाई नहीं हुई है.

अप्रैल में इसी साल झारखंड के गुमला ज़िले में एक 20 साल के आदमी को पेड़ से बांधकर घंटों तक मारा गया. मृतक का पड़ोस के गांव की एक हिन्दू लड़की के साथ संबंध था.
ये किस तरह की महिला सुरक्षा है भाई? इस तरह सरेआम किसी की इतनी बेरहमी से जान ले लेना सही है? आप ख़ुद सोचिये. क्या यही है वो लोकतंत्र जिसकी स्थापना के लिए ना जाने कितने शहीदों ने अपनी ज़िन्दगी तक की परवाह नहीं की? इतनी नफ़रत क्यों?