इश्क़. उम्र का मोहताज नहीं होता. रिश्तों की डोर रिश्ता निभाने वाले के इंतज़ार से भी लंबी होती है. ये टूटती नहीं, एहसास के धागे से जुड़ी होती है. एहसास उसे चाहने का. हां. चाहत, ये चाहत ही तो है जो वक़्त-बेवक़्त उसके दर पर ले जाती है. चाहत, बस एक झलक उन्हें देख लेने की. कुछ ऐसी ही भावनाओं को समेटे ये क़िस्सा भी है.   

हाल ही में Vernon के रहने वाले बॉब और नैन्सी ने अपनी शादी के ख़ुशनुमा 67 साल पूरे किये. 67 साल तक ये कपल एक-दूसरे का हाथ पकड़े ज़िंदगी की हर गम और खुशी साथ जीता रहा. लेकिन अपनी शादी की 67वीं सालगिरह पर बॉब और नैन्सी एक-दूजे का हाथ नहीं थाम सके. वजह थी कोरोना वायरस. जी हां. कोरोना वायरस के कारण नर्सिंग होम सावधानी बरत रहे हैं. जिसकी वजह से दोनों को एक-दूसरे से मिलने पर मनाही है.   

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लेकिन अपना ग़ालिब है न! वो ये बात यूं ही थोड़े कह गया था.  

‘इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’

 कि लगाए न लगे और बुझाए न बने’

अब मिल तो सकते नहीं. तो बॉब ने रोमियो-जूलिएट का मॉडर्न जुगाड़ अपनाया. वो नैन्सी के नर्सिंग होम गए और उनकी खिड़की के नीचे हाथ में ढेर सारे गुब्बारे और एक बोर्ड पर दिल के जज़्बात लिख कर खड़े हो गए.   

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दिलचस्प ये रहा कि बॉब की ये आशिक़ मिज़ाजी बेकार नहीं गई. आइडिया काम कर गया. नैन्सी को उनका ये इश्क़िया मिज़ाज इतना पसंद आया कि वो खुद को उन्हें फ्लाइंग किस देने से रोक नहीं पाईं. दूसरी मंज़िल पर बने अपने रूम पर खड़ी नैन्सी बस बॉब को ही देख रही थीं. मानो उनकी आंखें इस पल को हमेशा के लिए कैद कर लेना चाहती हों.  

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और ऐसा हो भी क्यों न! 67 सालों में ये पहली बार था, जब दोनों अपनी शादी की सालगिराह पर साथ नहीं थे. यही वजह थी कि बॉब ने इस साल कुछ अलग किया.  

‘मुझे बहुत बुरा लग रहा था क्योंकि मैं चाहता था कि वो यहां नीचे मेरे पास हो लेकिन मुझे पता था कि वो यहां नहीं आ सकती है.’  

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