अहमदाबाद शहर के रहने वाले फैज़ल खारवाला ने अपनी पत्नी की जान बचाने के लिए 2, 740 किमी का नॉन-स्टॉप सफ़र तय किया है.
TOI की ख़बर के मुतबिक़, मई में रमज़ान के महीने में फैज़ल की पत्नी मिस्बाह किचन में चाय बना रही थी जिस दौरान वो बेहद बुरी तरह से जल गईं. जिसके बाद, फैज़ल ने कई अस्पतालों में तुरंत फ़ोन लगाया मगर उनका घर जमलपुर इलाक़े में पड़ता है, जो की एक Covid-19 कन्टेनमेंट ज़ोन है जिसके चलते अधिकतर हॉस्पिटल ने मिस्बाह को भर्ती करने से मना कर दिया.
ऐसे में चुनाव-क्षेत्र के MLA इमरान खेड़ावाला ने उनके लिए LG अस्पताल में एक बेड का बंदोबस्त करवाया.
अस्पताल में भर्ती होने के दो दिन बाद ही मिस्बाह कोरोना पॉज़िटिव भी निकल गई जिसके चलते उन्हें SVP अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
14 मई तक मिस्बाह कोरोना से तो ठीक हो गई मगर मुश्किलें अभी और थीं.
SVP अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉ. विजय भाटिया और डॉ. अमि पारिख मिस्बाह का इलाज कर रही थीं.
अब दिक्कत ये थी की मिस्बाह के लिए नई स्किन कहां से आएगी. कोरोना के चलते, अस्पताल मुंबई की जिस स्किन बैंक से स्किन लेता था उन्होंने मदद करने से मना कर दिया था. वहीं, कुछ हॉस्पिटल कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील होने की वजह से भी मदद नहीं कर पा रहे थे.
मगर उम्मीद की किरण तब नज़र आई जब बेलगाम, कर्नाटक के एक स्किन बैंक में इलाज के लिए स्किन मिल गया था.
वैसे तो एक जगह से दूसरी जगह स्किन कोल्ड-चेन कोरियर से आती है मगर लॉकडाउन के चलते वो मुमकिन न था. इसके बाद, फैज़ल और परिवार के कुछ क़रीबी दोस्तों ने बेलगाम तक कार से जाने का फ़ैसला किया. जिसके बाद, 15 जून को निकले फैज़ल ने कुल मिलाकर 2, 740 किमी की यात्रा कर 17 जून को अहमदाबाद वापस लौटे.
अच्छी ख़बर, ये है की मिस्बाह अब ठीक हो रही हैं और बीते मंगलवार उन्हें SVP अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया था.