महाराष्ट्र के एक व्यक्ति को मजिस्ट्रेट ने 8 साल पहले किए गए जुर्म के लिए अब सज़ा सुनाई है. ठाणे के घोड़बंदर रोड निवासी आरोपी ने 2009 में एक महिला को ‘छम्मक छल्लो’ कहा था. Judicial Magistrate ने आरोपी पर 1 रुपये का जुर्माना और कोर्ट का समय पूरा होने तक जेल में रहने की सज़ा सुनाई.

आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के अंतर्गत दोषी पाया गया.

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पीड़िता की शिकायत के अनुसार, 9 जनवरी, 2009 को जब वो अपने पति के साथ Morning Walk से वापस लौट रही थी, ये घटना उस वक़्त घटी. पीड़िता, सीढ़ी के पास रखे डस्टबिन से टकराकर गिर गईं, जो कि आरोपी ने रखा था. इसके बाद आरोपी उस पर चिल्लाने लगा और उसे बुरा-भला कहने लगा और महिला के लिए ‘छम्मक छल्लो’ शब्द का प्रयोग किया.

महिला को ये Offensive लगा और वो पुलिस में शिकायत दर्ज कराने गई, लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की. हारकर महिला ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.

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घटना के 8 साल बाद Judicial Magistrate, RT Ingale ने आरोपी के खिलाफ़ सज़ा सुनाई. सज़ा सुनाते हुए उन्होंने कहा,

‘छम्मक छल्लो जैसे शब्द अंग्रेज़ी में नहीं हैं. इन शब्दों का अर्थ सिर्फ़ भारतीय ही समझ सकते हैं. आमतौर पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल औरतों की बेइज़्ज़ती करने के लिए किया जाता है. ये प्रशंसासूचक शब्द नहीं है और ये किसी को परेशान करने के लिए ही कहा जाता है.’

अगर मेजिस्ट्रेट साहब की बात मान ली जाए, तब तो बॉलीवुड के इन गानों को भी बैन कर देना चाहिए-

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बॉलीवुड के कई गानों में इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन असल में ये शब्द तारीफ़ के लिए नहीं, किसी की बेइज़्ज़ती करने के लिए है.

Feature Image- ABP Majha