स्वच्छ भारत मिशन एक महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है. इसका मकसद भारत की हर सड़क को, हर घर को, हर मोहल्ले को स्वाच बनाना है. इस मिशन का हिस्सा है देश भर में Toilets बनवाना और लोगों को बाहर जाने के बजाए Toilets इस्तेमाल करने की आदत डलवाना.

इस अतिमहत्वकांक्षी कैंपेन को घर-घर तक पहुंचाने के लिए सरकार अपनी तरफ़ से ख़ूब मेहनत कर रही है. इस कोशिश का एक हिस्सा, खुले में शौच कर रहे लोगों को Shameful Feel करवाना भी है. लेकिन क्या ये तरीका वहां कारगर है, जहां अभी तक टॉयलेट ही नहीं बने हैं? या जहां सरकार या नगरपालिका से मिन्नतें करने के बाद भी टॉयलेट न बना हो?

ये ख़बर बताने से पहले इन सभी बातों का ज़िक्र करना इसलिए ज़रूरी था क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर अगर किसी की जान गयी है, तो ये इस मिशन की सबसे बड़ी हार है.

राजस्थान के प्रतापगढ़ के रहने वाले ज़फ़र हुसैन को भीड़ ने सिर्फ़ इसलिए मार दिया क्योंकि उन्होंने खुले में शौच कर रही महिलाओं की फ़ोटो खींच रहे गवर्नमेंट अफ़सरों को ऐसा करने से रोकना चाहा. कहा जा रहा है कि (चश्मदीदों के अनुसार) ये अफ़सर खुले में शौच कर रही महिलाओं की फ़ोटो खींच कर रहे थे. ऐसा पिछले तीन-चार दिनों से चल रहा था. उस दिन भी उन्होंने यही किया, फ़ोटो खींची, महिलाओं को धक्का दे रहे थे और उनके पानी के मग गिरा रहे थे. महिलाओं के चिल्लाने की आवाज़ सुनते ही ज़फ़र वहां गए, अधिकारियों को ऐसा करने से रोकने लगे. ज़फ़र की इस एरिया में दुकान थी और वो मज़दूरों के अधिकारों के लिए भी लड़ते हैं. ज़फ़र ने कुछ समय पहले इस एरिया में टॉयलेट में बनवाने की याचिका डाली थी. इस क्षेत्र में लोग खुले में इसीलिए जाते हैं क्योंकि यहां पब्लिक टॉयलेट है ही नहीं.
उस दिन जब ज़फ़र अधिकारियों को रोकने लगे, तो उनके साथ उनकी बेटी और पत्नी भी थी. लेकिन ये बात इस हद तक बढ़ गयी कि उन अफ़सरों के साथ आये झाड़ू मारने वाले एक आदमी ने ज़फ़र को पत्थर से मारा और कहने लगा, ‘मारो, मारो! जान से ख़तम कर दो’. ज़फ़र की बेटी को बाहर से ही रोक दिया गया और उन सभी लोगों ने ज़फ़र को मार डाला.
जबकि इस हत्या में शामिल सभी लोगों का कहना है कि ज़फ़र उनसे लड़ रहा था और लड़ाई उसी ने शुरू की, वो सभी लोग इन्हें समझा रहे थे कि खुले में शौच न करें. प्रत्यक्षदर्शी इसके बिलकुल विपरीत नगरपालिका के अधिकारियों और उस स्वीपर को ज़फ़र की मौत का ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं.
फ़िलहाल सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज हुई है लेकिन पुलिस अभी इस मामले पर कुछ नहीं कह रही है.

अपनी पति को खोने वाली राशिदा बी हर मिनट बेहोश हो जाती है. उनकी बेटी क़ुरान पढ़ कर ख़ुद को शांत करने की कोशिश कर रही है.
इसका जवाब है किसी के पास?