विकास की दौड़ में आज हम तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं. हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. इसके बावजूद देश के कई हिस्सों में लोग आज भी बिजली न पहुंच पाने की वजह से अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.

कुछ दिनों पहले तक केरल के पलक्कड़ का कल्लादिकोड़े गांव भी अंधेरे को अपनी नियती मान कर सरकार के भरोसे बैठा था. केरल ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर का काम करने वाले हरिनारायण इसी गांव के रहने वाले हैं और कई सालों से अंधेरे में रहने के आदी हो चुके थे, पर वो इस अंधेरे में नहीं रहना चाहते थे, इसलिए वो अकसर गांव को अंधेरे से दूर करने का प्रयास करते रहते थे.

प्रयासों की इसी कड़ी में उनके दिमाग़ में एक विचार आया और उन्होंने अपनी बुलेट बाइक को एक जनरेटर में तब्दील कर दिया. अपने इस बुलेट जरनेटर से हरिनारायण अपनी ज़रूरतों को लगभग एक हद आसानी से पूरा कर लेते हैं. इसके ज़रिये वो आस-पास रहने वाले लोगों की मदद भी करते हैं.

इसके अलावा उनका ये आविष्कार सूखे कुंओं से पानी निकालने में भी सक्षम है, जिससे सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध हो रहा है. अपने जनरेटर को बनाने के हरिनारायण ने अपनी बाइक के साथ एक डाइनेमो जोड़ा है, जिसकी मदद से करीब 24 वोल्ट बिजली पैदा होती है. इसमें से 12 वोल्ट से वो अपनी बैटरी चार्ज करते हैं, जबकि 12 वोल्ट से पानी भरने जैसे काम करते हैं. उनके इस आविष्कार पर कबीर 3000 रुपये ख़र्च हुए हैं, पर इसकी बदौलत हरिनारायण अपने गांव में स्टार बन गए हैं.

सच में यार ये तो वही बात हो गई, जहां चाह, वहां राह.