रबिंद्रनाथ दास पांच दिनों तक बंगाल की खाड़ी में समुद्री लहरों के बीच बिना खाने और लाइफ़ जैकेट के सिर्फ़ एक बांस के खंभे के सहारे ज़िंदगी के लिए जूझते रहे. चित्तागोंग के पास बांग्लादेशी जहाज़ ने रबिंद्रनाथ की जान बचाई और फिर इलाज के लिए उसे कोलकाता भेजा गया.
रबिंद्रनाथ दास एक मछुआरा है, 6 जुलाई को ख़राब मौसम की वजह से उसकी नाव पलट गई थी और वह समुद्र में ही फंस गया. उसे MVJawad जहाज़ के क्रू ने बचाया.
Dramatic footage shows how sailors of a #Bangladesh vessel rescue an #Indian fisherman, who was among the 25 missing after four fishing boats capsized in the #BayOfBengal last week. #Kolkata #WestBengal #Chittagong pic.twitter.com/lN1a5Jubpb
— Deepayan Sinha (@sdeepayan) July 11, 2019
पश्चिम बंगाल के नारायणपुर के रहने वाले रबिंद्रनाथ 4 जुलाई को 14 मछुआरों के साथ समुद्र में मछली पकड़ने निकले. नाव पलटने की वजह से सबके सब समुद्र में कूद गए थे.
एक-एक करके सभी मछुआरे समुद्र में बहते चले गए, लेकिन रबिंद्रनाथ ने ग़ज़ब का साहस दिखाया और बांस के खंभे और तेल के ख़ाली ड्रम के सहारे ख़ुद को बांधे रखा. इस दौरान ख़ाने को कुछ भी नहीं था, समुद्र का पानी पी नहीं सकते इसलिए उसने बरसात के वक़्त वही पानी पी कर ख़ुद को ज़िंदा रखा.
मुझे अपने भतीजे को न बचा पाने का दुख रहेगा, रेस्क्यू किए जाने से कुछ घंटे पहले उसकी डूबने से मौत हो गई. हम दोनों साथ-साथ तैरे. इस दौरान वह काफ़ी डरा हुआ था. उसे तीन दिन तक मैंने अपने कंधे पर उठाए रखा.
पांच दिन के बाद रबिंद्रनाथ भी लगभग मरणासन्न तक पहुंच चुके थे, लेकिन उन्होंने चिटगांव का जहाज़ अपने पास देखा तो, जीने की थोड़ी उम्मीद वापस आई और वो 2 घंटे के मेहनत के बाद उस जहाज़ तक पहुंच सके.