भारत को यूं तो हम विविधताओं का देश कहते हैं, अनेकता में एकता होने का दावा करते हैं, पर जब यहीं किसी के साथ भेदभाव किया जाता है, तो ये सभी बातें खोखली सी लगने लगती हैं.

नॉर्थ-ईस्ट के लोगों को अकसर इस तरह का भेद-भाव झेलना पड़ता है. इम्फाल की Central Agricultural University के छात्रों के एक ग्रुप के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. इस रविवार जब वो ताजमहल घूमने गए, तो उन्हें अन्दर जाने से मना कर दिया गया. CISF को लगा कि वो विदेशी हैं और भारतीय होने का दावा कर के सस्ता टिकट ले कर अन्दर घुसना चाहते हैं. ताजमहल के टिकट की कीमत भारतीयों के लिए ₹40 है और विदेशियों के लिए ₹1000 है.

जब छात्रों ने अपने ID कार्ड दिखाए, तब भी उन्हें अन्दर नहीं जाने दिया गया. टूरिज़्म पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ही वो अन्दर जा पाए. स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके साथ बदसलूकी की गयी, उन्हें टूरिज़्म पुलिस को फ़ोन करना पड़ा, तब उन्हें अन्दर जाने दिया गया.

छात्रों ने Archaeological Survey of India (ASI) में भी शिकायत की है, जिसके बाद इस घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं. ASI ने सिक्योरिटी स्टाफ़ से CCTV फुटेज मांगी है.