मेजर सतीश दहिया का 18 महीने का बेटा अब अपने पापा के साथ फिर कभी नहीं खेल पाएगा. इस बच्चे के जांबाज़ पिता जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. मेजर दहिया की अपने बेटे के साथ एक तस्वीर भी इंटरनेट पर वायरल हो रही है, जिसमें लोग देश के इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

हरियाणा में नारनौल के रहने वाले 32 वर्षीय मेजर सतीश दहिया मंगलवार शाम आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल हो गए थे. उन्हें श्रीनगर के बेस अस्पताल लाया गया था, जहां ज़िन्दगी और मौत से जूझने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था. 

इस हमले में सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडिंग अफ़सर चेतन कुमार चीता के साथ-साथ 10 जवान जख़्मी हुए. इनमें चार शहीद हुए, जिनमें से एक मेजर सतीश दहिया थे. वहीं जवाबी कार्यवाही में सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया.

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मेजर सतीश दहिया का पार्थिव शरीर बुधवार शाम नारनौल में स्थित उनके गांव बनिहाड़ी पहुंचा और यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. शहीद मेजर को उनकी तीन साल की बेटी प्रिया ने मुखाग्नि दी. शहादत से पहले मेजर दहिया ने अपनी पत्नी व माता-पिता से फ़ोन पर बात की थी और ये बातचीत उनकी आखिरी बातचीत बन कर रह गई.

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सतीश दहिया के पिता अचल सिंह ने कहा कि मंगलवार सवेरे करीब पौने 5 बजे वो बेटे से फ़ोन पर बात कर रहे थे. इस बीच पता चला कि आतंकी हमला हो गया है. सतीश ने कहा था कि पहले मैं उनसे निपट कर आता हूं, आतंकियों का सफ़ाया करके वापस आने के बाद आपसे बात करता हूं. इसके बाद अचल सिंह के पास कॉल आई तो ज़रूर, लेकिन वो बेटे की शहादत की कॉल थी.

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गौरतलब है कि, मंगलवार की शाम कुपवाड़ा के हंदवाड़ा इलाके में आतंकियों के होने की सूचना मिली थी. इसके बाद सेना की 30 RR टुकड़ी और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिल कर इलाके की घेराबंदी की. इस दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादी मारे गए. 

गंभीर रूप से घायल मेजर को अस्पताल लाया गया, जहां वे ज़िदगी की जंग हार गए. मेजर दहिया और तीन सैनिकों को गंभीर चोटें आईं थीं लेकिन अस्पताल जाने से पहले मेजर चारों आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर चुके थे. शहीद जवानों में एक उत्तराखंड और एक उत्तर प्रदेश निवासी भी हैं.

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मेजर सतीश दहिया हंदवाड़ा ऑपरेशन को लीड कर रहे थे और वे 13 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे. वे आठ साल पहले 2008 में सेना में शामिल हुए थे. वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे. गांव में मेजर के शहीद होने का समाचार मिलते ही मातम पसर गया. 

घायल होने की खबर सामने आने के बाद मंगलवार शाम को ही उनकी शहादत की ख़बर आई. इस मौके पर पीएम मोदी और जनरल बिपिन रावत के साथ ही साथ सेना की टुकड़ियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.