लगता है हमारे स्वास्थ्य अधिकारी पिछली ग़लतियों से सीख नहीं लेते. पिछले साल यूपी के गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में दर्जनों बच्चों की मौत की भयावह घटना के बाद, वहां से एक और शर्मनाक घटना सामने आई है. झांसी के मेडिकल कॉलेज में एक दुर्घटना के शिकार हुए व्यक्ति को तकिये की जगह कटा हुआ पैर लगाने का मामला सामने आया है.
#UttarPradesh: Attendants of a patient allege that staff at Maharani Laxmi Bai Medical College, Jhansi used his severed leg as a pillow for him after he was admitted there upon meeting with an accident, College Principal says ‘We’ve set up committee to probe & will take action’. pic.twitter.com/lJFJ3SCjWf
— ANI UP (@ANINewsUP) March 10, 2018
दरअसल, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक एक्सीडेंट में घायल हुए बस के क्लीनर को लाया गया. यहां डॉक्टर्स को उसकी जान बचाने के लिए, उसका एक पैर काटना पड़ा, लेकिन हद तो तब हो गई जब मरीज़ को अटेंड कर रहे स्टॉफ़ ने उसके कटे हुए पैर को ही तकिये की तरह इस्तेमाल किया.
अस्पताल के स्टाफ़ द्वारा ऐसी अमानवीय हरकत करने की फ़ोटो और वीडियो सामने आने के बाद, अस्पताल प्रशासन की नींद टूटी और आनन-फ़ानन में पूरी घटना की जांच के आदेश दिये गए. साथ ही मौके पर मौजूद डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/03/5aa62f77f89ec118fc4d1a18_c8fc631c-e34f-4e07-8718-cfbf4995b3d6.jpg)
वहीं पीड़ित के परिजनों का कहना है कि उन्होंने हॉस्पिटल के कर्मचारियों को ऐसा नहीं करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने परिजनों की एक न सुनी. जबकि मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल साधना कौशिक ने कहा, ‘मरीज़ को तुरंत मेडिकल सहायता प्रदान की गई थी, लेकिन तकिये की जगह पैर का इस्तेमाल हमारे स्टाफ़ ने नहीं किया. ऐसा मरीज़ के परिवार वालों ने किया था. फ़िलहाल मामले की जांच के आदेश दिये जा चुके हैं. साथ ही सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है. अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे कड़ी सजा दी जाएगी’.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2018/03/5aa62f77f89ec118fc4d1a18_b4ef6b5c-0403-4ada-ad44-0ea305b8ad03.jpg)
गौरतलब है कि, यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. यहां के सरकारी अस्पतालों में मुठ्ठी भर डॉक्टर्स के ऊपर लाखों लोगों के इलाज का दबाव होता है, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं कि किसी मरीज़ के साथ इस तरह की संवेदनहीनता दिखाई जाए.
Source: ANI