IFS अधिकारी रुची घन्यश्याम को भारत ने ब्रिटेन की अगली उच्चायुक्त नियुक्त किया है. भारतीय विदेश सेवा(IFS) के इतिहास में ये दूसरा मौका है जब किसी महिला को इस पद के लिए चुना गया है. रुची 1982 के बैच की IFS अधिकारी हैं. फिलहाल वो विदेश मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यत हैं.
IFS द्वारा 60 साल पहले विजय लक्ष्मी पंडित को ब्रिटेन का उच्चायुक्त नियुक्त किया था. उन्होंने 1954 से 1961 तक ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त के तौर पर सेवा दी थी. सीनियर उच्चायुक्त रुची घनश्याम इतने वर्षों बाद इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुनी गई हैं. वो भारतीय उच्चायुक्त के तौर पर वाई.के. सिन्हा की जगह लेंगी. उन्होंने दिसंबर 2016 में ये ज़िम्मेदारी संभाली थी.
High Commissioner @RuchiGhanashyam briefed the community about the upcoming Pravasi Bhartiya Divas @PBDVaranasi2019 along with @PrayagrajKumbh Mela at Varanasi and encouraged the gathering for participating in large number from the UK to make the event a huge success @MEAIndia pic.twitter.com/XDYInjD4Qg
— India in the UK (@HCI_London) December 14, 2018
रुची को ऐसे वक़्त पर ब्रिटेन का हाई कमिश्नर नियुक्त किया गया है, जब वहां के हालात कुछ ठीक नहीं हैं. दरअसल, ब्रिटेन इस वक़्त यूरोपीय संघ से अलग होने की तैयारी कर रहा है. इसका असर भारत और ब्रिटेन के रिश्तों पर भी पड़ेगा. दोनों देशों के रिश्तों की बात करें, तो ब्रिटेन और भारत के बीच अवैध प्रवासियों की स्वदेश वापसी भी एक बड़ा मुद्दा है.
द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश प्रशासन जहां अवैध भारतीय प्रवासियों की संख्या 75,000-1,00,000 होने की बात कह रहा है. जबकि भारतीय एजेंसियां इस दावे को नकारते हुए कहती हैं कि ये संख्या 2000 से अधिक नहीं है. इसके साथ ही उन्हें वहां खालिस्तान समर्थकों, भारतीय लोगों के साथ भेदभाव और दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने जैसे अहम मुद्दों से भी निपटना होगा.
High Commissioner @RuchiGhanashyam listed the new measures to improve the #consularservices like: expedited delivery, free wi-fi & printer/photocopier, recently established Public Response Unit & Consular camps and said that any feedback is welcome. pic.twitter.com/KfOXSdWc7v
— India in the UK (@HCI_London) December 14, 2018
ऐसे में रुची धनश्याम का रास्ता आसान नहीं होगा. उन्हें वहां इन सभी समस्याओं से निपटने के साथ ही दोनों देशों के रिश्तों को एक नई उड़ान देनी होगी. वो अपनी ज़िम्मेदारी को भलीभांति समझती हैं. इसलिए उन्होंने पद संभालते ही ब्रिटेन में Nehru Hall of India House की एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि उन्हें बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी दी गई है और वो इसे पूरी तन्मयता से निभाएंगी.
High Commissioner @RuchiGhanashyam in her first interaction with the media talked about strong India-UK relationship and significant contribution of the Indian community. She quoted PM Modi that community acts as ‘living bridge’ between the two countries. @MEAIndia pic.twitter.com/bu9zF3q7pv
— India in the UK (@HCI_London) December 13, 2018
वो आज़ादी के बाद से 27वीं उच्चायुक्त हैं, जो ब्रिटेन में नियुक्त हुई हैं. वो अगले साल अप्रैल में होने वाली Commonwealth Heads Of Government Summit में पीएम मोदी के ऑफ़िशियल डेलिगेशन का हिस्सा होंगी. रुची घनश्याम इस पद को संभालने के लिए काबिल ऑफ़िसर हैं. वो ब्रिटेन में उच्चायुक्त के रूप में नियुक्त होने से पहले, MEA में यूरोप वेस्ट डिवीजन की अध्यक्षता में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव के रूप में काम कर चुकी हैं.
उनके Overseas Assignments में घाना में उच्चायुक्त के रूप में कार्य करना भी शामिल है. उन्होंने साल 2008 -2011 तक बुर्किना फ़ासो, टोगो और सिएरा लियोन में काम किया है. इससे पहले न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की मंत्री रह चुकी हैं. अपने राजनयिक करियर के दौरान उन्होंने 2000 -2004 तक दिल्ली में बतौर निदेशक (पाकिस्तान) के रूप में भी कार्य किया किया है.