Odisha Anil Pradhan Innovation School Owner: 3 इडियट्स मूवी तो देखी होगी उसमें आमिर ख़ान का फुंसुक वांगड़ू किरदार एक रियल लाइफ़ कैरेक्टर लद्दाख के सोनम वांगचुक से प्रेरित है. आमिर ख़ान ने जबसे इस किरदार को निभाया हमारे देश के कई युवाओं में टेक्नॉलजी को लेकर उत्साह बढ़ गया है. ऐसे ही एक शख़्स हैं अनिल प्रधान, जो कटक से लगभग 12 किलोमीटर दूर 42 मोउज़ा में ग़रीब बच्चों के फुंसुक वांगड़ू बन चुके हैं. 42 मोउज़ा एक ऐसा द्वीप है, जहां कुछ गांवों का समूह बसा हुआ है.
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आइए, अनिल प्रधान के बारे में विस्तार से जानते हैं और ये भी जानते हैं कि उन्होंने क्या-क्या किया है इन बच्चों के लिए?
अनिल प्रधान, ओडिशा के बराल गांव के रहने वाले हैं इन्होंने साल 2015 में ‘International Public School For Rural Innovation‘ (Odisha Anil Pradhan Innovation School Owner) खोला है, जिसे Young Tinker Academy के नाम से भी जानते हैं. इसमें बच्चों को टेक्नॉलजी और इनोवेशन के बारे में पढ़ाया जाता है.
![young tinker academy](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/03/Team-1024x683-1.jpeg)
गांव में पले-बढ़े अनिल के पिता CRPF में थे वो अनिल की पढ़ाई को लेकर काफ़ी सजग रहते थे. अनिल जब बचपन में अपने गांव से दूर 12 किलोमीटर कटक के स्कूल में साइकिल से पढ़ने जाते थे तो कई बार रास्ते में उनकी साइकिल ख़राब हो जाती थी. इससे अनिल को कई बार कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था. मगर अनिल बचपन से ही जुगाड़ू थे तो इस समस्या का भी जुगाड़ लगा लेते थे. अनिल की स्कूल की पढ़ाई पूरी हुई तो उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले लिया. यहां पर वो कॉलेज की रोबोटिक्स सोसाइटी के साथ-साथ कई प्रोजक्ट्स का भी हिस्सा रहे.
![Anil Pradhan](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/03/1_BCPztjqG1UflC5NGTNcTvw.png?w=1024)
अनिल के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि ये थी कि, वो यूनिवर्सिटी में उस स्टूडेंट सेटेलाइट टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने हीराकुंड बांध को मॉनिटर करने के लिए एक सेटेलाइट बनाया था. अनिल ने जितना कुछ सीखा था उससे वो कोई बेहतर नौकरी देश या विदेश दोनों जगह कर सकते थे, लेकिन अनिल ने इन दोनों को ही न चुनकर गांव के बच्चों के लिए कुछ करने की सोची और रूरल इनोवेशन सेंटर बनाने का फ़ैसला लिया. फिर अपने पेरेंट्स की मदद से तीन बच्चों के साथ इनोवेशन सेंटर की शुरुआत की.
![Anil Pradhan](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/03/Young-Tinker-Founder.jpg?w=1024)
इस सेंटर में बच्चों को किताबों से रट्टा नहीं, बल्कि प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है. इस स्कूल का उद्देश्य है कि बच्चे टेक्नॉलजी के ज़रिये अपने रोज़मर्रा की मुश्किलों को दूर कर पाएं. अनिल की इस टेक्ऩलजी के चर्चे धीरे-धीरे सब तरफ़ होने लगे और उनके स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ती गई. आज इनोवेशन सेंटर में 250 से ज़्यादा बच्चों को सिखाया जा रहा है. इस स्कूल में प्री-नर्सरी से क्लास 6 तक एडमिशन होते हैं.
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इनोवेशन और क्रिएटिविटी पर विश्वास करने वाले अनिल ने बताया कि,
मैंने स्कूल में अत्याधुनिक उपकरणों जैसे लेज़र कटर, स्क्रूड्राइवर्स, ड्रिलिंग मशीन, 3डी प्रिंटर और अन्य उपकरणों को शामिल किया है. जैसे-जैसे हम नई और प्रगतिशील टेक्नॉलजी को जोड़ते गए हमने बच्चों की ग्रोथ में काफ़ी बेहतर अंतर देखा.
![Anil Pradhan](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/03/Activity_Tod-Phod-jod1551173576484.webp?w=1024)
स्कूल की ग्रोथ को देखते हुए अनिल ने साल 2018 में कुछ बदलाव किये थे जिसके बारे में बताया,
मैंने 2018 में Navonmesh Prasar Foundation नामक एक फ़ाउंडेशन की शुरुआत, जिसके तहत “तोड़ फोड़ जोड़”, “कबड़ से जुगाड़” और “ज़ोर का झटका” नामक प्रोजक्ट्स की शुरुआत की. बच्चों को इनोवेशन, स्थिरता, जलवायु परिवर्तन, कृषि या ऐसी किसी भी चीज़ के बारे में पढ़ाने से लेकर जो उनकी रुचि को बढ़ाता है, हम सब करते हैं.
![Navonmesh Prasar Foundation](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/03/Lab-01.jpg)
अनिल को International Public School For Rural Innovation में नए-नए इनोवेशन के लिए भारत सरकार की ओर से 2018 का ‘National Youth Icon Award’ भी मिल चुका है. साथ ही, केंद्र सरकार के अटल इनोवेशन मिशन के तहत शुरू हुए अटल टिंकरिंग लैब (Atal Tinkering Labs Yojana) में अनिल ‘मेंटर फ़ॉर चेंज’ हैं. साथ ही National Council of Science Museums ने उन्हें भुवनेश्वर के क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र में ‘इनोवेशन मेंटर’ नियुक्त किया है.
भविष्य में अनिल ओडिशा में एक और इनोवेशन स्कूल खोलने की योजना बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य दूसरे राज्यों से आने वाले बच्चों को पढ़ने और सीखने का मौका देना है. साथ ही, वो एक इन्क्यूबेशन सेंटर (Incubation Centre) भी सेट-अप कर रहे हैं.
![Anil Pradhan](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2023/03/Anil-Pradhan_A5.jpg)
आपको बता दें, साल 2021 में अनिल के स्कूल से 10 बच्चों की टीम में इंटरनेशनल टीम के साथ कॉम्प्टीशन करने के लिए नासा गई थी.