सपना देखना और फिर उसे उड़ान देना कोई यूपी के वाराणसी की शिवांगी सिंह से सीखे. शिवांगी बचपन से ही आसमान में उड़ान भरने का सपना देखती थी, उस सपने को शिवांगी ने अपने हौसले और लगन से पूरा कर लिया है. अपने जज़्बे से शिवांगी यूपी की पहली महिला फ़ाइटर पायलट बन गई हैं. फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट शिवांगी सुखोई और तेजस जैसे लड़ाकू विमान उड़ाने के लिए तैयार हैं.

शिवांगी की जॉइनिंग बतौर फ़्लाइंग ऑफ़िसर हैदराबाद में ही हुई है. अब नए एयरक्राफ़्ट में उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी.
शिवांगी महिला फ़ाइटर पायलटों के दूसरे बैच 2017 में IAF का हिस्सा थीं, फ़िलहाल उनकी रूपांतरण (Conversion) ट्रेनिंग चल रही है और जल्द ही वो अंबाला में 17 स्क्वाड्रन, ‘Golden Arrows’ का औपचारिक हिस्सा बन जाएंगी. 16 दिसंबर को हैदराबाद स्थित एयर फ़ोर्स अकैडमी में उन्हें फ़ाइटर पायलट का तमगा दिया गया है.

शिवांगी कहती हैं,
जब मैंने पहली बार प्लेन उड़ाया तो मुझे लगा मेरे संघर्ष को सफ़लता के पंख मिल गए हैं. मैं अपनी सफ़लता का श्रेय मम्मी-पापा और नाना को देती हूं. नाना आर्मी में थे, वो मुझे बेस कैंप में ले जाते थे. वहीं से मेरे अंदर देश सेवा का जज़्बा जागा.

वाराणसी में स्कूल के बाद, वह प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शामिल हुई, जहां वो नेशनल कैडेट कोर में 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन का हिस्सा थीं. फिर 2016 में ट्रेनिंग के लिए एयर फ़ोर्स अकैडमी गईं.

आपको बता दें, 2017 में उनकी कमीशनिंग के बाद से फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट शिवांगी सिंह मिग -21 बिसॉन्स उड़ा रही हैं. इसके अलावा राजस्थान के सीमावर्ती इलाके अम्बाला में वो भारत के सबसे प्रसिद्ध फ़ाइटर पायलटों में से एक विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के साथ उड़ान भर चुकी हैैं.