Birdman Prince Mehra: पक्षियों को देखना और उनकी चहचहाट को सुनना सबको पसंद है. मगर इनके ख़्याल रखने के बारे में हर कोई नहीं सोचता है. आए दिन न जाने कितने पक्षी दुर्घटना का शिकार होते हैं. कोई मांझे में फंसकर मर जाता है तो कोई किसी तेज़ वाहन की चपेट में आकर और कोई बिजली के तार में उलझकर. इनकी सुध कोई भी नहीं लेता यहां तक कि मरने के बाद भी.

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मगर चंडीगढ़ में एक ऐसा शख़्स है जो पिछले एक दशक से घायल पंछियों की देखभाल कर रहा है और मृत पक्षियों को दफनाता भी है. इन्हें दुनिया बर्डमैन के नाम से जानती हैं. चलिए जानते हैं इनके बारे में…

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11 साल से कर रहे हैं पक्षियों की सेवा

Prince Mehra, Chandigarh
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चंडीगढ़ में बर्डमैन के नाम से मशहूर इस शख़्स का नाम है प्रिंस मेहरा. वो पिछले 11 साल से घायल पंछियों की मरहम-पट्टी कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपनी साइकिल को एंबुलेंस में तब्दील कर दिया है. वो अपनी इस साइकिल पर सवार होकर शहर का चक्कर लगाते हैं और रास्ते में कोई घायल पक्षी मिल जाता है तो उसे घर लाकर इलाज करते हैं.

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हज़ारों पक्षियों का किया इलाज

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अगर कोई पक्षी ज़्यादा घायल होता है तो वो उसे जानवरों के अस्पताल ले जाकर उसका ट्रीटमेंट करवाते हैं. स्वस्थ होने के बाद वो फिर से उन्हें आकाश में उड़ने के लिए छोड़ देते हैं. प्रिंस मेहरा ने अब तक 1,150 पक्षियों का इलाज किया है और 1,254 पक्षियों को दफनाया है. उन्हें इस नेक काम को करने की प्रेरणा अपनी एक यात्रा के दौरान मिली.

ऐसे हुई शुरुआत

Prince Mehra, Chandigarh
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साल 2011 में वो फिरोजपुर जा रहे थे, तब उन्होंने देखा कि सड़क किनारे कूड़े में दो कबूतर मरे पड़े हैं. उनकी करंट लगने से मौत हो गई थी. इनकी ऐसी हालत देख वो दुखी हुए. प्रिंस मेहरा ने उनको उठाया और पास के एक गड्ढे में दफना दिया. मृत पंछियों की ऐसी हालत देख वो बहुत दुखी हुए थे. इसके बारे में चंडीगढ़ (Chandigarh) जाकर उन्होंने खूब सोचा और पाया कि दुर्घटना में घायल या पंछी को कितनी तकलीफ होती होगी.

साइकिल को बना लिया बर्ड एंबुलेंस

Prince Mehra, Chandigarh
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मरने पर उनकी कितनी दुर्गति होती है उन्हें कोई दफनाता नहीं, ये पर्यावरण और लोगों के लिए भी कितना नुकसानदेह है. तभी से ही प्रिंस मेहरा ने पंछियों की मदद करने की ठानी और अपनी साइकिल को बर्ड एंबुलेंस में तब्दील कर दिया. उनके काम को चंडीगढ़ प्रशासन ने भी सराहा है, उन्हें एक राज्यस्तरीय पुरस्कार दिया गया है. उनका कहना है कि ये इंसान का कर्तव्य है कि पर्यावरण और पंछियों को बचाने का प्रयास करें.

पर्यावरण और पंछियों को बचाने के लिए हमें हर शहर में प्रिंस मेहरा जैसे लोगों की ज़रूरत है. 

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