थक कर न बैठ ए मंज़िल के मुसाफ़िर,

मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा.

ये शायरी पर्वतारोही अर्जुन वाजपेयी पर बिल्कुल फ़िट बैठती है. लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, अर्जुन अप्रैल के पहले हफ़्ते में दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट कंचनजंघा’ फ़तह करने के लिए निकलेंगे, वो भी बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के. अपने इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए वो ख़ास तैयारी भी कर रहे हैं.

महज़ 17 साल की उम्र में एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले अर्जुन ने 29 मई 2011 को सबसे युवा पर्वतारोही बनने का ख़िताब हासिल किया था. इसके अलावा वो अब तक कई उपलब्धियां हासिल कर चुके हैं. ऐसा दूसरी बार होगा, जब अर्जुन ‘कंचनजंघा’ की फ़तह के लिए निकलेंगे.

इससे पहले उन्होंने 2017 में इस चोटी पर चढ़ाई करने का प्रयत्न किया था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों की वजह से उन्हें सफ़लता नहीं मिल पाई. इसके साथ ही उनके पास 8 हज़ार से ऊंची 5 चोटियों पर चढ़ने का विश्व रिकॉर्ड भी है.

एक नज़र युवा पर्वतारोही की इन उपलब्धियों पर :

2010 में 16 साल की उम्र में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई कर, अर्जुन ने सबको चौंका दिया. इसके बाद वो रुके नहीं, थके नहीं और 2011 में दुनिया की चौथी और 8वीं सबसे ऊंची चोटी माउंट त्होत्से व माउंट मनासलु पर फ़तह हासिल की. ये सिलसिला आगे जारी रखते हुए, उन्होंने 2016 में विश्व की छठी सबसे ऊंची चोटी चोयू की चढ़ाई कर विजय प्राप्त की. इसके साथ 2016 में ही उन्होंने दुनिया की पांचवी सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालु की भी चढ़ाई की.

आइए जानते हैं कि जिस कंचनजंघा का सफ़र तय करने के लिए अर्जुन काफ़ी उत्साहित हैं, आखिर उसकी ख़ासियत क्या है. कंचनजंघा की ऊंचाई 28169 फ़ुट यानि, 8586 मीटर है. इस पर सबसे पहली बार फ़तह 1955 में जो ब्राउन व जॉर्ड बैंड ने की थी.

इस युवा पर्वतारोही को हमारी तरफ़ से ग्रैंड सलाम और अगले मिशन के लिए All The Best.