पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पत्रकारों से जुड़े पुलित्ज़र पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है. यूट्यूब लाइव के ज़रिये इन पुरस्कारों को पाने वाले पत्रकारों के नाम की घोषणा की गई. Covid-19 के कारण 2020 के Pulitzer पुरस्कारों की घोषणा में दो सप्ताह की देरी हुई. इनमें से तीन पत्रकार भारत के भी हैं.
Congratulations to Channi Anand, Mukhtar Khan and @daryasin of @AP. #Pulitzer pic.twitter.com/SJzGyK3sXq
— The Pulitzer Prizes (@PulitzerPrizes) May 4, 2020
ये तीनों पत्रकार फ़ोटो जर्नलिस्ट हैं जो जम्मू-कश्मीर में रहते हैं. इनके नाम हैं मुख्तार ख़ान, यासीन डार और चन्नी आनंद. ये तीनों पत्रकार एसोसिएट प्रेस(AP) के लिए काम करते हैं. इन्होंने पिछले साल जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने के बाद के हालातों को अपने कैमरे में क़ैद कर लोगों तक पहुंचाया था.
तीनों को फ़ीचर फ़ोटोग्राफ़ी की कैटेगरी में ये पुरस्कार दिया गया है. चन्नी आनंद जम्मू के रहने वाले हैं जबकि यासीन और मुख्तार श्रीनगर में रहते हैं. चन्नी आनंद को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए क़रीब 2 दशक हो गए हैं. वो इन दिनों सामाजिक मुद्दों और प्राकृतिक आपदाओं की स्टोरी कवर करते हैं.
मुख़्तार ख़ान भी दो दशकों से घाटी में बतौर फ़ोटो जर्नलिस्ट काम कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कश्मीर के प्रदर्शनकारियों, सुरक्षाबलों और सामान्य लोगों से जुड़ी कहानियां लोगों तक पहुंचाई. इन्होंने साल 2015 का Atlanta Photojournalism Award जीता था.
यासीन डार कई दशकों से कश्मीर के हालातों को पूरी दुनिया तक पहुंचा रहे हैं. इन्होंने अफ़गान युद्ध, अफ़गानिस्तान शरणार्थी, दक्षिण एशिया में आए ख़तरनाक भूकंप की स्टोरीज़ को भी कवर किया है. इन्होंने Ramnath Goenka Excellence In Journalism Awards, Robert F. Kennedy Award और Yannis Behrakis International Photojournalism Award जैसे अवॉर्ड जीते हैं.
हालांकि, जम्मू-कश्मीर में रिपोर्टिंग करना और अलग-अलग घटनाओं की तस्वीरें लेना इतना आसान नहीं है. अधिकतर यहां कर्फ़्यू लगा रहता है और घाटी में सक्रीय आतंकवादियों के निशाने पर भी आने का ख़तरा रहता है. इसलिए इन्हें चोरी-छुपे अपने काम को अंजाम देना होता है.
इसके बारे में बात करते हुए यासीन ने कहा- ‘ये चूहे-बिल्ली वाले खेल के जैसा होता है. लेकिन ये सारी बातें भी हमें चुप रहने से रोक नहीं सकती. इन्होंने हमें और दृढ़ बना दिया है.’
इस पुरस्कार को जीतने के बाद सोशल मीडिया पर लोग जमकर इन्हें बधाई संदेश भेज रहे हैं. आप भी देखिए:
This is so stirring: Three brave photojournalists honored with a Pulitzer for their work in Kashmir at a critical moment, when Kashmiris couldn’t share their own harrowing stories with the world-and where journalists have long faced major struggles. https://t.co/w6cpi44ODR
— Michael Kugelman (@MichaelKugelman) May 5, 2020
Its not just the photographs, its the conditions they took these photographs in, and how they managed to get it to AP with no internet access, no calling facility, during strict curfews in a freakin’ 21st century.
— Aabru (@AabruJaan) May 5, 2020
They did it so the world KNOWS
THAT IS REAL JOURNALISM#Pulitzer
Senior Kashmiri photojournalists Dar Yasin and Mukhtar Khan of AP have won a Pulitzer prize. They’ll share the prize with Jammu-based Channi Anand. The award is a testimony to the fact that Kashmir wasn’t the way it was projected to the Indian public by their news channels!
— Showkat Nanda (@ShowkatNanda) May 5, 2020
#Kashmir journalists Mukhtar Khan & Dar Yasin celebrate the #Pulitzer feat with their families. The duo is among 3 AP photographers who have won the prestigious prize. This comes at the when when journalists in the region are reeling under an unprecedented crackdown by government pic.twitter.com/Jqd6vbWBpg
— Jibran Nazir | جبران نزیر (@JibraanDar) May 4, 2020
Thinking today of all the brilliant Kashmiri journalists I met and worked with in Delhi and Srinagar, who share in the joy and pride of this. https://t.co/XM1XBqqlgM
— Nicholas Dawes (@NicDawes) May 5, 2020
Reporting from Kashmir under the Modi govt is not easy – especially for photojournalists.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) May 4, 2020
Congrats to Channi Anand, Mukhtar Khan, & @daryasin of @AP on winning a #Pulitzer for their work in documenting Kashmir especially in the aftermath of the shameful abrogation of Art. 370. https://t.co/sTMrKVB41a
It’s been a difficult year for journalists in Kashmir & that’s saying something considering the last 30 years haven’t exactly been easy. Congratulations to @daryasin, @muukhtark_khan & @channiap on this prestigious award. More power to your cameras. https://t.co/A7SH5hUEGZ
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 5, 2020
Congratulations @muukhtark_khan @daryasin
— mahua dey (@mahuadey20) May 5, 2020
Channi Anand..👏👏👏👏👏
ये जम्मू-कश्मीर के लिए ही नहीं हमारे लिए भी बहुत गर्व की बात है.