कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुई दरिंदगी ने कई लोगों को अंदर तक झकझोर दिया. 8 दिनों तक नशीली दवाईयों से बेहोश करके, 8 साल की बच्ची को 7 लोगों ने अपनी हवस का शिकार बनाया. इस घटना को उसी के गांव के एक मंदिर में अंजाम दिया गया. 

कई दिनों से #JusticeFor***** बच्ची की तस्वीर के साथ हर जगह लिखा जा रहा है. लोगों में गुस्सा है, अंसतोष है.

कुछ लोग बलात्कार और रेप की घटना को सांप्रदायिक और राजनीतिक चोगा भी पहना रहे हैं.

पर क्या आप जानते हैं कि इस पूरे मामले की जांच किस अफ़सर के अंडर में की जा रही थी? एक फ़ेसबुक पोस्ट के अनुसार,रमेश कुमार जल्ला, क्राइम ब्रांच के एसएसपी ने अपनी टीम के साथ कठुआ केस की जांच की. हाई कोर्ट ने जांच ख़त्म कर, आरोपियों को पकड़ने के लिए 90 दिन का वक़्त दिया था. रमेश ने डेडलाइन से लगभग 10 दिन पहले ही मामले की जांच पूरी कर ली.

जो लोग इस मामले को आपराधिक न मान कर हिन्दू-मुस्लिम बना रहे हैं, उन लोगों के लिए ख़ास तौर पर हम ये बताना चाहेंगे कि रमेश कुमार, ख़ुद एक कश्मीरी पंडित हैं. अपने काम के आगे उन्होंने धर्म और संप्रदाय किसी भी चीज़ को तवज्जो नहीं दी. 

रमेश के लिए उनकी ड्यूटी सबसे पहले थी. बीजेपी के मंत्रियों की गतिविधियों के कारण भी उन पर काफ़ी प्रेशर था. बीजेपी के कुछ मंत्रियों ने हिन्दू एकता मंच के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. ये लोग आरोपियों को गिरफ़्तार करने का विरोध कर रहे थे.

फ़र्ज़ी हिन्दुत्वा का चोला पहने लोगों का गुस्सा उन पर भी निश्चित ही फ़ूट रहा होगा.

रमेश कुमार की जांबाज़ी को, कर्त्व्यपरायणता को गज़ब पोस्ट की पूरी टीम सलाम करती है. देश को ऐसे अफ़सरों की ज़रूरत है.