पूरी दुनिया में शादी करने के पीछे जितनी मान्यताएं होती हैं, उतनी ही मान्यताएं बहुविवाह करने की भी हैं. अरब में लोग अपने धन और प्रभुत्त्व को दिखाने के लिए एक से ज़्यादा शादियां करते हैं, तो इस्लाम में लोग परम्परा को रखते हुए करते हैं. आदिवासी अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए बहुविवाह करते हैं. पर महाराष्ट्र में एक ऐसी जगह है, जहां लोग एक से ज़्यादा शादी करते हैं, ताकि घर में पानी की कमी न हो. महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक गांव है डेंगलमल. ये गांव महाराष्ट्र के सूखा-प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है.

DainikBhaskar

इस गांव के लोगों के पास पीने के पानी का एक ही स्रोत है, जो गांव से दूर पहाड़ियों के नीचे है. वहां तक जाने और पानी लेकर आने में तकरीबन 12 घंटे लग जाते हैं. इसलिए इस गांव के लोग एक से ज़्यादा शादियां करते हैं, ताकि घर में पानी की कमी न हो पाए. इन पत्नियों को पानी बाई या वाटर वाइव्स भी कहा जाता है.

Flickrs

सखाराम भगत की तीन शादियां हो चुकी हैं. तीनों पत्नियां एक ही घर में साथ-साथ रहती हैं. इनकी पहली पत्नी से छह बच्चे हैं. अगर इनकी पत्नी का सारा समय बच्चों की देखभाल और घर के अन्य कामों में ही बीत जाए, तो पानी कैसे आएगा? इसी कारण से सखाराम ने दूसरी शादी की. एक औरत 15 लीटर पानी ही ला पाती है, जो 9 लोगों के परिवार में कम पड़ जाता था, इस कारण सखाराम ने तीसरी शादी भी कर ली.

Scroll

इन शादियों से कुछ महिलाओं को सम्मानित ज़िंदगी मिल रही है. ‘पानी पत्नी’ के तौर पर जो महिलाएं मिलती हैं, वो तलाकशुदा होती हैं, या जिनके पति उन्हें छोड़ चुके होते हैं. इस तरह इन शादियों से उन्हें एक अच्छी ज़िंदगी मिल जाती है. हालांकि ये बुरा भी है, क्योंकि देश में ऐसी मानसिकता अभी भी जीवित है कि पत्नी बस घर के काम के लिए ही चाहिए.

खैर, विकास की कहानी गढ़ने वाली सरकार को अगर देश का ये पिछड़ापन दिखाई नहीं देता, तो डिजिटल इंडिया और ऐसी सारी योजनायें बेकार हैं. पानी के लिए अगर ऐसे ही शादी करते रहेंगे तो पानी तो आ ही जाएगा, साथ ही साथ जनसंख्या में भी बाढ़ आ जाएगी.

देखिये इस गांव का ये खास वीडियो.

Feature Image: Bhaskar