लोकसभा चुनाव सर पर हैं और इसी के साथ ही सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने में जुटी हैं. महाराष्ट्र के सिलोद से कांग्रेस के विधायक अब्दुल सत्तार को भी इस बार टिकट मिलने की उम्मीद थी लेकिन पार्टी ने उनकी जगह किसी और लोकसभा चुनाव में उतारने की घोषणा कर दी. इससे नाराज़ होकर विधायक पार्टी ऑफ़िस से 300 कुर्सियां अपने समर्थकों की मदद से उठवा ले गए.

दरअसल, कांग्रेस ने औरंगाबाद सीट से एमएलसी सुभाष झामबाद को टिकट दिया है. वहीं विधायक का कहना है कि उन्होंने अपने क्षेत्र में बहुत काम किया है और टिकट उन्हें ही मिलना चाहिए. जब उनकी मन की नहीं हुई, तो उन्होंने पार्टी मीटिंग से कुर्सियां ही उठवा लीं.

जिस दिन विधायक के समर्थकों ने कुर्सियां उठाई, उसी दिन पार्टी की एक मीटिंग होने वाली थी. इसके कारण ये मीटिंग एनसीपी के ऑफ़िस में करनी पड़ी. ये मीटिंग शाहगंज के गांधी भवन ऑफ़िस में होने वाली थी. कांग्रेस ने महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ गठबंधन किया है.

इस बारे में पीटीआई से बात करते हुए विधायक सत्तार ने कहा, वो सभी मेरी कुर्सियां थीं. इन्हें हम पार्टी मीटिंग के लिए अरेंज करते थे. अब मैंने पार्टी छोड़ दी है, इसलिए मैंने अपनी कुर्सियां भी उठवा ली. अब जिसे टिकट दिया गया है, वो ही चुनावी कैंपेन के लिए अरेंजमेंट करें.
चुनावी मौसम में टिकट न मिलने से नाराज़ नेताओं के दल बदल लेने की ख़बरें आती रही हैं लेकिन किसी नाराज़ नेता द्वारा कुर्सियां उठाने का शायद ये पहला मामला है. वैसे भी नेताओं को कुर्सी से कुछ ज़्यादा ही लगाव होता है. है कि नहीं?