कोरोना वायरस की वजह से न जाने कितने श्रमिकों की ज़िंदगी मुश्किल में आ गई है. हर दिन प्रवासी मज़दूरों को लेकर अलग-अलग तरह की ख़बरें सुनने और पढ़ने में आती है. प्रवासी मज़दूरों को लेकर ऐसी ही एक और ख़बर सामने आई है, जिसे पढ़ने के बाद कुछ देर के लिये आपका दिल सहम सा जायेगा. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के Vidharba क्षेत्र की एक प्रवासी महिला ने मुंबई से वाशिम तक, 500 किमी का पैदल सफ़र तय किया. अजीब बात ये है कि ये सफ़र महिला ने अकेले तय नहीं किया. उसके हाथों में 17 दिन का बच्चा भी था. वो बच्चा जिसे 17 दिन पहले उसने अस्पताल में जन्म दिया था. NDTV की जानकारी के अनुसार, अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद महिला ने घर पहुंचने के लिये एक कार का आवदेन किया था. पर मुंबई पुलिस द्वारा उसे अनुमति नहीं दी गई. 

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इसके बाद उसने पैदल ही घर पहुंचने का निर्णय लिया. बिना खाये-पीये और रुके वो नवजात के साथ यात्रा पर निकल पड़ी. सच में मज़दूरों की ऐसी कहानियां दिल कचोंट कर रख देती हैं. एक तरफ़ राज्य सरकारें मज़ूदरों के हितों की बातें कर रही हैं, दूसरी ओर उन्हें पीड़ा के साथ सफ़र भी करना पड़ रहा है. 

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