क़ानून द्वारा निर्धारित भारत में न्यूनतन मज़दूरी दर का महीने भर का योग 4,628 रुपये बनते हैं.
सोमवार को दिल्ली के मुख्मंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में काम करने वाले संविदा कर्मियों की न्यूनतम वेतन दर बढ़ाने की घोषणा की है. इससे लगभग 55 लाख मज़दूरों को फ़ायदा मिलेगा.
Economic Times के अनुसार, अकुशल मज़ूदर को महीने की न्यूनतम मज़दूरी 14,842 रुपेय मिलेगी, जो देश में सबसे ज़्यादा है. अर्ध-कुशल मज़दूरों को 16,341 रुपये और कुशल मज़दूर को 17,991 रुपये मिलेंगे.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल से सितंबर महीने तक मज़दूरों महंगाई भत्ता भी दिया जाएगा. इसके साथ ही मज़दूरों के एक महीने की दिवाली बोनस भी मिलेगी.
इसके विरोध में पहले ही 44 Emplyer Association दिल्ली कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा चुके हैं, कोर्ट ने सरकार के फ़ैसले पर रोक लगा दी. हाई कोर्ट के फ़ैसले को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया और वहां उनके पक्ष में फ़ैंसला सुनाया गया. अरविंद केजरीवाल ने बताया कि
14 अक्टूबर, 2019, को सुप्रीम कोर्ट ने न्यूनतम मज़दूरी दर पर दिल्ली सरकार के पक्ष में फ़ैसला सुनाया. हमने न्यूनतम मज़दूरी दर बढ़ा दी.
साथ ही साथ, दिल्ली सरकार ने 1373 कॉन्ट्रेक्टरों को हटा दिया क्योंकि वो न्यूनतम मज़दूरी दर देने में नाकाम रहे थे. कुछ को धोखाधड़ी के कारण हटाया गया तो कुछ को मज़दूरों को भुगतान न करने के जुर्म में हटाया गया.