स्वाधीन भारत में भी ग़रीबी, भुखमरी, अशिक्षा, मानव तस्करी, सेक्स ट्रेड बेहद गंभीर समस्याओं में से हैं. देश कितनी भी तरक्की कर रहा हो पर इन समस्याओं से निजात मिलना निकट भविष्य में असंभव ही लगता है.

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट से ऐसी है एक रूह कंपाने वाली घटना सामने आई है. India Today की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, यहां के ग़रीब आदिवासी परिवार की 2 लड़कियां ग़ैरक़ानूनी खदानों में काम करती थी. कॉन्ट्रैक्टर और बिचौलिये उन्हें उनकी मेहनत का पैसा नहीं देते थे. मजबूरन दोनों नाबालिगों को देह व्यापार में उतरना पड़ा, वो भी बेहद कम पैसों में.
12 और 14 साल की ये बच्चियां ग़ैरक़ानूनी खदानों में काम करती थी जहां कॉन्ट्रैक्टर्स और बिचौलिये ने उन्हें 200-300 रुपये में जिस्मफ़रोशी करने पर मजबूर किया.

स्नेहा (बदला हुआ नाम) ने India Today को बताया कि वे कर्वी गांव की रहने वाली हैं. जब वो खदानों में काम ढूंढने के लिए गई तब कॉन्ट्रैक्टर ने उन्हें इस शर्त पर काम पर रखा कि वो सेक्स वर्क भी करेंगी.
हम मजबूर हैं, हम मान जाते हैं. वे हमें नौकरी देते हैं, हमारा शोषण करते हैं और हमें पूरा पैसा भी नहीं देते. जब हम संबंध बनाने से मना करते हैं तो वो हमें नौकरी से निकालने की धमकी देते हैं. अगर काम नहीं करेंगे तो खायेंगे क्या? आख़िर में उनकी बात माननी पड़ती है.
-स्नेहा
रिया (बदला हुआ नाम) ने बताया कि कॉन्ट्रैक्टर उन्हें अपना असली नाम नहीं बताते थे.
वो हमें धमकी देते थे कि अगर हमें नौकरी करनी है तो हमें उनकी बात माननी होगी. हम मान जाते थे. वो पैसे का लालच देते थे और कई बार एक से ज़्यादा पुरुष होते थे. उनको मना करने पर पहाड़ से धक्का देने की भी धमकी देते थे.
-रिया

India Today की रिपोर्ट के अनुसार इन बच्चियों के माता-पिता को भी शोषण का पता था पर वो मजबूर थे. रिया की मां का कहना है कि परिवार का पेट भरना आसान नहीं है.
हम मजबूर है. वो रोज़ के 300-400 देने का वादा करते हैं. कभी 150 देते हैं कभी 200. बच्चे काम से वापस आकर आप-बीती सुनाते हैं. पर हम क्या कर सकते हैं? हम मज़दूर हैं. हमें अपने परिवार का पेट पालना है. मेरे पति बीमार रहते हैं उन्हें इलाज की ज़रूरत है.
-रिया की मां

रिया के पिता भी अपनी बेबसी ज़ाहिर करते हैं.
ख़दानों के पीछे कॉन्ट्रैक्टर्स ने कुछ बिस्तर लगाये हैं. वे हमें वहीं ले जाते हैं और एक-एक करके हमारा यौन शोषण करते हैं. हमें वहां एक-एक करके जाना पड़ता है. अगर हम मना करते हैं तो वो हमें मारते हैं. दर्द होता है, हम चीखते हैं. पर हम क्या करें? हमें बहुत तकलीफ़ होती है… कई बार हम मर जाने या भाग जाने का सोचते हैं.
-वीनिता
India Today से बात-चीत में इन लड़कियों ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से उन पर दोहरी मार पड़ी है. लॉकडाउन की वजह से उन लड़कियों पर शोषण का ख़तरा बढ़ गया है.
अभी अभी मैंने आज तक चैनल पर प्रसारित विशेष रिपोर्ट को देखा, वर्णित घटना क्रम की गहन जांच करने के लिए मजिस्ट्रेटी जाँच के आदेश कर दिए हैँ, इस निंदनीय कृत्य मे जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी तथा किसी को भी बख्सा नहीं जायेगा @CMOfficeUP @AwasthiAwanishK
— DM Chitrakoot (@ChitrakootDm) July 7, 2020
देश में चित्रकूट के इस घटना जैसी ही घटनाएं घट रही होंगी, जहां क़ानून की हवा तक नहीं पहुंचती होगी.