दीपावली तो ख़त्म हो गई, लेकिन अपने निशान पीछे छोड़ गई. दिल्ली NCR में इन दिनों सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिल्ली को पॉल्यूशन फ़्री बनाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सारी दलीलें फ़ेल हो गई. न केजरीवाल की रणनीति काम आई न ही मोदी जी का मैजिक चला. 

पिछली बार की तरह ही लोगों ने इस बार भी बम-पटाखों के जगह लोगों के फ़ेफ़डों को फोड़ने का काम किया है. खासकर दिल्ली-NCR में तो लोगों ने हद्द ही पार कर दी. पॉल्यूशन का ऐसा कहर है कि लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. हर जगह अंधेरा पसरा हुआ है. एयर क़्वालिटी इंडेक्स अब भी 400 के पार है. कई इलाकों में AQI का स्तर 600 के पार है. 

आनंद विहार में एक्यूआई का स्तर 690, बवाना में 666, अलीपुर में 532, वज़ीरपुर में 567, मुंडका में 514, द्वारका में 594, झिलमिल में 522, जहांगीरपुरी में 575, रोहिणी में 552, सोनिया विहार में 497, पंजाबी बाग में 494, मंदिर मार्ग में 488, गाज़ियाबाद में 520, नोएडा में 532 और ग्रेटर नोएडा में 528 पार कर गया.

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दिल्ली-NCR को गैस चेंबर बनाने का श्रेय भी दिल्लीवासियों को ही जाता है. हम क्यों हर वक़्त हरियाणा और पंजाब को इसमें दोष देते हैं? क्यों नहीं स्वीकारते की ये ग़लती हमने ख़ुद की है. हद तो तब हो गई जब दीपावली के मौके जमकर पटाखे जलाने वाले लोग ही सोशल मीडिया पर दिल्ली की इस हालत का मज़ाक बनाने लगे. 

इन दिनों सोशल मीडिया पर Before Diwali और After Diwali फोटोज़ ख़ूब शेयर हो रही हैं. तस्वीरों के ज़रिए आप फ़र्क साफ़ देख सकते हैं-