आमतौर पर हम गुमशुदगी की कई ख़बरें पढ़ते हैं, लेकिन इंदौर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे.
मनोज के वक़ील सुशांत दीक्षित ने जानकारी दी कि, बीते गुरुवार शाम को दीप्ती अपनी बहन के घर लौट आई. शुक्रवार शाम को ये सूचना जानकारी जस्टिस रवींद्र. वी. घुघे और जस्टिस बी.यू.देवदवार की पीठ को दी गई. मनोज के ससुर ने फ़ोन पर कोर्ट को दीप्ती के लौटने की जानकारी दी और बताया कि 3 साल से दीप्ती इंदौर में ही थी और प्राइमा फ़ेसी में से ये साफ़ हो रहा है कि दीप्ती की दिमाग़ी हालत ठीक नहीं है.
मैं बरोडा में अपनी ड्राइविंग जॉब में था जब मेरे ससूर ने शाम को क़रीब 6 बजे फ़ोन करके बताया कि मेरी पत्नी इंदौर स्थित अपनी बहन के घर लौट आई है. मैं इंदौर पहुंचा और उससे मिला. उसने ये नहीं बताया कि वो पिछले 3 साल कहां थी. उसने कहा है कि वो मंदिर के बाहर दुकान पर कुछ ख़रीदने गई थी और वहीं बेहोश हो गई. उसे कुछ याद नहीं है.
-मनोज सोनी
दीप्ति ने अपने परिवार को बताया है कि, वो 3 साल से इंदौर में ही एक बूढ़ी औरत के साथ रह रही थी. दीप्ति ये नहीं बता पा रही है कि वो शिरडी से इंदौर कैसे पहुंची.
बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट ने औरंगाबाद स्थित सरकारी अस्पताल और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दीप्ति की मेडिकल जांच करने के निर्देश दिए.