आपने देश के नेताओं को राजनितिक मुद्दों पर बहस करते हुए और इलेक्शन्स के टाइम पर हाथ जोड़ कर वोट मांगते हुए ही देखा होगा, या फिर किसी समारोह का उद्घाटन करते हुए भी देखा होगा. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी नेता ने किसी का ऑपरेशन किया हो. नहीं न. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे नेता से मिलवाने जा रहे हैं, जिन्होंने डॉक्टर के न होने पर एक महिला की सर्जरी की और उसकी जान बचाई.
ख़बर है कि मिजोरम के एमएलए और डॉक्टर के. बैइचुआ ने सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के मौजूद न होने पर अपने सभी राजनैतिक कामों को छोड़कर एक महिला की सर्जरी की. सूत्रों के मुताबिक़, इस महिला की इमरजेंसी में सर्जरी की जानी थी और सरकारी अस्पताल का डॉक्टर वहां मौजूद नहीं था. इसलिए मौके की नज़ाकत को देखते हुए विधायक डॉक्टर के. बैइचुआ ने खुद ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.
जब उनको पता चला कि सइहा जिला अस्पताल के सर्जन इंफाल में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में गए हुए हैं और वो इतनी जल्दी वहां नहीं पाहुंच पायेंगे, तो विधायक जी ने खुद ही महिला का ऑपरेशन करने का फ़ैसला किया.
आपको बता दें कि बैइचुआ को पता चला कि 35 वर्षीय इस महिला के पेट में तेज़ दर्द हो रहा है और उसके पेट में एक बड़ा छेद था और यदि तुरंत ऑपरेशन नहीं किया जाता है, तो उसकी जान भी जा सकती थी. इसलिए उसकी तुरंत ही सर्जरी करने की ज़रूरत है. इसके बाद वह अपनी राजनीतिक व्यस्तताओं छोड़ कर महिला की सर्जरी करने के लिए रवाना हो गए. अब महिला की हालत ठीक है.
बैइचुआ ने कहा, ‘मैंने गुरुवार को अस्पताल का दौरा किया था, तब वह मुस्कुरा रही थी.’
गौरतलब है कि बैइचुआ, इंफाल के रीजनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर चुके हैं. 52 वर्षीय विधायक ने साल 1991 में चिकित्सा की डिग्री ली थी. राजनीति में प्रवेश करने और साल 2013 में मिजो नेशनल फ्रंट में शामिल होने से पहले 20 साल तक उन्होंने डॉक्टरी की प्रैक्टिस की थी.
उन्होंने बताया, ‘मैंने अपने कैरियर के दौरान सैकड़ों ऑपरेशन किए हैं, लेकिन आख़िरी ऑपरेशन दिसंबर 2013 में किया था और इसके बाद मैं विधायक के रूप में निर्वाचित हो गया था.’
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विधायक के. बैइचुआ ने 2008 में सइहा से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए. साल 2013 में वह एमएनएफ के टिकट पर चुनाव लड़े और 222 मतों के अंतर से तत्कालीन कांग्रेस विधायक एस. हैतो को हरा दिया.