‘किसी को कोई शक नहीं कि नन वेश्या है. 12 बार उसने मज़े लिए और 13वीं बार ये बलात्कार हो गया? जब उससे पहली बार रेप हुआ, तो उसने पहली बार ही शिकायत क्यों नहीं की?’
ये किसी फ़िल्म का डायलॉग नहीं है, बल्कि केरल के एक निर्दलीय विधायक का बयान है.
सोच कर भी घिन आती है कि जनता की सेवा के लिए खुद को तत्पर बताने वाले नेता इस तरह के शर्मनाक बयान देने में ज़रा भी हिचकिचाते नहीं हैं और बात करते हैं महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की.
आइये अब जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
केरल में एक रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप फ़्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ बलात्कार का आरोप लगाने वाली नन का मामला कई दिनों से गरमाया हुआ है. अब इस मामले पर केरल के एक निर्दलीय विधायक पी.सी. जॉर्ज ने बेहद ही शर्मनाक और विवादित बयान दिया है.
जी हां, केरल की इस नन के आरोपों पर पी.सी. जॉर्ज के इस बयान ने सवाल खड़े कर दिए हैं. विधायक ने अपने बयान में पीड़ित नन को वेश्या तक कह डाला. इसके साथ ही विधायक पी.सी. जॉर्ज ने कहा, ‘इसमें किसी को कोई शक़ नहीं कि नन वेश्या है. 12 बार उसने मज़े लिए और 13वीं बार ये बलात्कार हो गया? जब उससे पहली बार रेप हुआ, तो उसने पहली बार ही शिकायत क्यों नहीं की?’
विधायक के इस बयान के बाद उनकी हर तरफ आलोचना हो रही है.
No one has doubt that the nun is a prostitute. 12 times she enjoyed it and the 13th time it is rape? Why didn’t she complain the first time?: PC George, Kerala MLA (Independent) on the nun who levelled rape allegations against Jalandhar Bishop Franco Mulackal. pic.twitter.com/Br2sxyhVgX
— ANI (@ANI) September 8, 2018
दरअसल, एक नन ने जून में आरोप लगाया था कि मुलक्कल ने केरल के पास स्थित कोट्टायम के एक कॉन्वेंट में साल 2014 से 2016 के बीच उसका यौन उत्पीड़न किया. तब से ही केरल पुलिस बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बचाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है. ये हमारे देश का दुर्भाग्य ही है कि यहां बलात्कार के आरोपी को पुलिस का संरक्षण मिलता है, और पीड़िता को बदनामी और तिरस्कार झेलना पड़ता है. हर बार की तरह ही इस बार भी पुलिस ने इस मामले की सुनवाई और जांच-पड़ताल में ढिलाई बरती है.
अलग-अलग कैथोलिक सुधार संगठनों के सदस्यों ने बीते शनिवार को नन द्वारा की गई शिकायत की जांच में पुलिस की ओर से बरती जा रही ढिलाई के ख़िलाफ़ जगह-जगह प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में कोट्टायम के कॉन्वेंट की पांच और ननों ने भी हिस्सा लिया. इन ननों ने पुलिस पर ये आरोप भी लगाया कि चर्च, पुलिस और सरकार ने जालंधर डायोसीज के आरोपी बिशप फ़्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई न करके पीड़ित नन के साथ न्याय नहीं किया है.
एक प्रदर्शनकारी नन ने कहा,
हम ‘अपनी सिस्टर’ के लिए लड़ रहे हैं. उसे चर्च, सरकार और पुलिस से न्याय नहीं मिला है. हम ‘अपनी सिस्टर’ को न्याय दिलाने के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि बिशप फ़्रैंको के ख़िलाफ़ काफ़ी सबूत होने के बावजूद अभी तक उनको गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया.
वहीं विधायक द्वारा पीड़ित नन को वेश्या कहे जाने पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इसकी निंदा करते हुए कहा, ‘ऐसे लोगों पर शर्मिंदगी महसूस होती है, जो पीड़ित महिला की मदद करने की बजाए ऐसे बेहूदे बयान देते हैं. हम विधायक के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर डीजीपी को पत्र लिखेंगे.’
वैसे किसी पादरी द्वारा किसी महिला या नन का यौन शोषण करने का केरल में ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. यहां तक कि इसी साल जुलाई महीने में एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, ‘केरल में ये हो क्या रहा है, पादरी रेप केस के आरोपी बन रहे हैं?’
अगर आपको याद हो तो पिछले साल जब बलात्कारी राम रहीम को सज़ा सुनाई गई थी, तब देश में कई जगह आगजनी, तोड़-फोड़ घटनाओं को उसके अंध भक्तों ने अंजाम दिया था. लेकिन क्यों? क्या सिर्फ़ इसलिए कि उसका प्रभाव केंद्र सरकार से लेकर उसके अंध भक्तों पर था. उस टाइम भी कई बड़े नेताओं, संत, गुरुओं ने विवादित बयान दिए थे. हमारे देश में ऐसे बाबाओं की कमी नहीं है, जो अपनी लोकप्रियता और लोगों के उन पर विश्वास का फ़ायदा उठाते हैं. वहीं अगर कोई उनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाता है, तो आम जनता के साथ सरकार और पुलिस भी उनकी सुरक्षा में जुट जाती है. हालांकि, ऐसे कई बाबा आज जेल की सज़ा काट रहे हैं.