‘कैशलेस अर्थव्यवस्था’ का सपना तब तक पूरा होना मुमकिन नहीं है, जब तक हर नागरिक के पास स्मार्टफ़ोन न हो. इसीलिए मोदी सरकार ने स्मार्टफ़ोन बनाने वाली भारतीय कम्पनियों से दो हज़ार रुपये की लागत वाले स्मार्टफ़ोन बनाने की दरख्वास्त की है.
इस प्रोजेक्ट के लिए Micromax, Intex, Lava, और Karbonn समेत कई भारतीय कम्पनियों से बात की गयी है, ताकि ग्रामीण इलाकों के लोग भी स्मार्टफ़ोन के ज़रिये डिजिटल इंडिया का हिस्सा बन सकें.
दरअसल, सरकार आगे आधार नम्बर के ज़रिये फ़ोन से लेन-देन करने की सुविधा देना चाहती है. इस काम के लिए सरकार ने Samsung और Apple जैसी विदेशी कम्पनियों से कोई बात नहीं की है.
यदि कम दामों में लोगों को स्मार्टफ़ोन मिल सकेगा तो, मोबाइल वॉलेट और इ-पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा. सरकार कम्पनियों से कम लागत में स्मार्टफ़ोन बनाने के लिए कह रही है, जिससे कम्पनियों का भी नुकसान न हो.
मार्केट में 3G Smartphones की कीमत करीब 3,000 रुपये है और 4G Smartphones की उससे भी ज़्यादा. सरकार को इस फ़ोन में फिंगरप्रिंट स्कैनर, हाई क्वालिटी प्रोसेसर जैसे फ़ीचर चाहिये. इन फ़ीचर्स के साथ मार्केट में अभी सबसे सस्ता फ़ोन Intex Cloud Scan FP है, जिसकी कीमत 3,700 रुपये है.