बेशक, अपने बच्चे के लिए एक मां कुछ भी कर सकती है. चाहे वो एक खूंखार तेंदुए का सामना करने की ही बात क्यों न हो.

कुछ ऐसा ही हुआ तमिलनाडु के वालपराई ज़िले में, जहां 32 वर्षीय मुथुलक्ष्मी अपनी 11 साल की बच्ची सथ्या के साथ घर के आंगन में जलाने के लिए लकड़ी जमा करने में व्यस्त थी. तभी एक तेंदुए ने सथ्या पर हमला किया और उसे गर्दन से घसीट कर अपने साथ ले जाने लगा.

किसी तेंदुए से मुक़ाबला करना तो दूर, उसे सामने देख कर ही अच्छे-अच्छों की हालत पस्त हो जाती है. लेकिन यहां बात एक मां के आंखों के सामने उसकी मासूम बच्ची की थी. मुथुलक्ष्मी ने हिम्मत दिखाते हुए तेंदुए पर लकड़ी से इतना ज़ोर का हमला किया कि वो बच्ची को छोड़, जंगल में भाग गया. पुलिस अधिकारीयों के अनुसार, इस हादसे में सथ्या को गर्दन पर चोट आयी है और उसे इलाज के लिए पोल्लाची के एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया है.

घटना की ख़बर मिलते ही वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गए. ख़बर है कि पिछले 10 दिन से ज़्यादा से वो इस तेंदुए के खोज में लगे हैं. सूत्रों के अनुसार, कुछ समय पहले कंचामलाई में भी एक महिला ऐसे हमले का शिकार हो चुकी है.