कोरोना वायरस महामारी के चलते अन्य बीमारियों से पीड़ित दुनियाभर के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. हाल ही में हुई एक रिसर्च के मुताबिक Covid-19 की वजह से वर्ल्ड में पहले से ही नियोजित क़रीब 2.8 करोड़ सर्जरी रद्द की जा सकती हैं. इसका बुरा असर लोगों के स्वास्थ्य और मौजूदा हेल्थ सिस्टम भी पड़ेगा. 

British Journal Of Surgery पत्रिका में छपी इस रिसर्च के अनुसार, कोरोना महामारी के 12वें सप्ताह में पहले से ही प्लान की गई सर्जरी को कैंसिल करना पड़ सकता है. इस रिसर्च का मकसद इस महामारी का हेल्थ सिस्टम पर पड़ने वाले असर को जानना था.

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COVIDSurg Collaborative नाम के इस अध्ययन में 120 देशों के सर्जन और Anaesthetists शामिल हुए थे. इसमें बताया गया है कि कोरोना के चलते अधिकतर देशों के हेल्थ सिस्टम में उथल-पुथल मची है. इसकी वजह से वर्ल्ड में हर सप्ताह होने वाली क़रीब 24 लाख सर्जरी रद्द हो रही हैं. क्योंकि सभी सरकारी और निज़ी अस्पतालों में कोरोना पीड़ित मरीज़ों का इलाज चल रहा है. इसलिए भविष्य में दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीज़ों को तकलीफ़ उठानी पड़ सकती है.

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शोधकर्ताओं का मानना है कि इसके चलते कई मरीज़ों की असमय मृत्यु भी होने की संभावना है. रिसर्च में शामिल एक शोधकर्ता ने कहा- ‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान अधिकतर चुनिंदा सर्जरी को इसलिए टाला गया ताकि मरीज़ों को कोविड-19 के ख़तरे से बचाया जा सके और अस्पताल अधिक क्षमता से इस महामारी का सामना कर सकें.’

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इसके चलते ग्लोबल स्तर पर लगभग 82 फ़ीसदी सर्जरी रद्द की जा चुकी हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि अस्पतालों को नियमित रूप से स्थिति का आंकलन करना चाहिए. नहीं तो भविष्य में उन्हें इनकी वजह से और भी भयावह स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. उनका कहना है कि अभी जितनी भी सर्जरी कैंसिल की गई हैं उन्हें कवर करने में अस्पतालों को लगभग 45 सप्ताह का समय लग सकता है. अगर वो अपनी क्षमता में 20 फ़ीसदी का इज़ाफा करते हैं तो.

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चीन के Hubei प्रांत की स्टडी करने के बाद उन्होंने बताया कि कोरोना का संक्रमण 12 सप्ताह तक अपने चरम पर रह सकता है. इस प्रांत से ही कोरोना वायरस फैला था. 

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