भारत की Sample Registration Survey Report, 2018 के अनुसार भारत में स्वतंत्र रूप से रहने वाली एकल महिलाओं की सबसे अधिक संख्या तमिलनाडु और केरल में है.
पूरे भारत की तुलना में केरल और तमिल नाडु में दोगुनी एकल महिलाएं हैं जो अकेली रहती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, केरल में लगभग 9.3 प्रतिशत और तमिलनाडु में 9.2 प्रतिशत महिलाएं हैं जो कि विधवा, तलाक़शुदा या विवाह के बाद अलग रहने वाली हैं.
भारत में 5.5 प्रतिशत महिलाएं अकेले रहती हैं.
Times Of India में छपी इस रिपोर्ट ने अनुसार, दोनों महिला और पुरुष के प्रतिशत का सयुंक्त राष्ट्र औसत जिसमे की दोनों में से कोई भी किसी भी लिंग पर निर्भर नहीं है, 3.5% है. जबकि अकेले रहने वाले पुरुष भारत में कुल पुरुष आबादी का 1.5 प्रतिशत या लगभग एक करोड़ हैं.
भारत की 50.3 प्रतिशत जनसंख्या ने कभी शादी ही नहीं की है.
विवाहित नागरिक कुल आबादी का लगभग 46.3 प्रतिशत हैं, जबकि शेष 3.5 प्रतिशत विधवा / तलाक़शुदा / स्पेरेटेड हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पुरुषों की तुलना में विधवा / तलाक़शुदा / स्पेरेटेड महिलाओं का अनुपात अधिक है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लगातार तीन वर्षों से भारत में महिला लिटरेसी दर में सुधार हुआ है.
15-45 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं का औसत लिटरेसी 2016 में 84.8% था जो की 2018 में बढ़ कर 87% हुआ है.
केरल ने महिला साक्षरता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है. रिपोर्ट के अनुसार, केरल में महिलाओं का लिटरेसी दर 99.5% है. जबकि 2017 में यह 99.3% था.